लोकअभियोजक सुरेश पाटिल ने दलीलें पेश कीं कि अभियुक्त जनप्रतिनिधि होने के साथ मनपा में ड्रेनेज कमेटी का वाइस चेयरमैन है। इस पद पर रहते हुए जनता से जुड़े कार्य नि:शुल्क करने होते हैं। इसके बावजूद अभियुक्त ने 50 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की। ऐसे में यह जांच करना जरूरी है कि क्या पहले भी वह अन्य लोगों से रिश्वत ले चुका है। इसके अलावा अभियुक्त और उसके परिजनों की संपत्ति, बैंक अकाउंट्स की जांच भी होनी है, इसके लिए अभियुक्त की हिरासत जरूरी है। कोर्ट ने दलीलें सुनने के बाद एक दिन का रिमांड मंजूर किया। गौरतलब है कि सिंगणपोर क्षेत्र निवासी एक चिकित्सक के अवैध निर्माण के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने के लिए भाजपा पार्षद और ड्रेनेज कमेटी के वाइस चेयरमैन जयंती भंडेरी ने पचास हजार रुपए की रिश्वत की मांग की थी। चिकित्सक ने इसकी शिकायत ब्यूरो में की। बुधवार को ब्यूरो के अधिकारियों ने जाल बिछाकर भंडेरी को चिकित्सक से 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए धर दबोचा था।