-यह है पेज कमेटी अभियान एक मतदान केंद्र पर करीब एक हजार मत होते हैं और भाजपा की एक बूथ पर 33 या अधिक पेज कमेटी बनाने की नीति है। पेज कमेटी में एक पेज प्रमुख व तीन सदस्यों समेत कुल चार जनें होते हैं। एक बूथ पर 33 पेज कमेटी के आधार पर 132 कार्यकर्ता जुड़ जाते हैं और उन्हें चुनाव में पार्टी के पक्ष में उस बूथ से 70 फीसदी लीड पाने का लक्ष्य दिया जाता है, जिसे वे आसानी से हासिल कर लेते हैं। क्योंकि एक बूथ में 132 कार्यकर्ता के परिवार के सदस्यों की संख्या ही 4 के हिसाब से 528 हो जाती है और एक बूथ पर अपेक्षित मतदान 70 प्रतिशत तक अर्थात 700 वोट का रहता है।
-सर्वप्रथम नवसारी लोकसभा चुनाव में अपनाया 2019 के लोकसभा चुनाव में नवसारी लोकसभा सीट में पेज कमेटी का फार्मूला अपनाया गया और उसका परिणाम देश में सर्वाधिक लीड 6 लाख 89 हजार 688 मतों से सीआर पाटिल ने जीत हासिल की थी। नवसारी लोकसभा क्षेत्र में 2900 बूथ है और वहां 54 हजार पेज कमेटी बनाकर 2 लाख 16 हजार कार्यकर्ताओं की फौज को चुनाव प्रचार में उतारा गया था। इन कार्यकर्ताओं ने एक कार्यकर्ता चार वोट की जिम्मेदारी ली थी और परिणाम स्वरूप पाटिल को 9 लाख 72 हजार वोट मिले थे जो कि कुल मतदान का 74 फीसदी हिस्सा था। यहीं पैंतरेबाजी अब वे सभी को बता रहे हैं।
-जीत का सिलसिला लगातार जारी पेज कमेटी अभियान के बूते भाजपा ने गुजरात में पहले गतवर्ष आठ विधानसभा के उपचुनाव में जीत का डंका बजाया और इसके बाद भी जीत का यह सिलसिला लगातार चलता रहा। इसमें सूरत महानगरपालिका समेत प्रदेश की छह महानगरपालिका, जिला पंचायत, तहसील पंचायत, नगरपालिका के चुनाव में पार्टी इसी वर्ष शानदार जीत हासिल कर चुकी है। अब जीत का यह अमोघ मूलमंत्र लेकर गुजरात के कार्यकर्ता उत्तरप्रदेश पहुंचे है और पेज कमेटी अभियान के साथ-साथ माइक्रो बूथ मैनेजमेंट, प्रचार टीम, चेहरा, योजना आदि की जानकारी स्थानीय कार्यकर्ताओं को दे रहे हैं।