पुलिस के मुताबिक अडाजण साईं रचना सोसायटी निवासी हितेष रेतीवाला और मालवीय अस्पताल में काम करने वाली उसकी पत्नी रश्मि मिलकर रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी कर रहे थे। कोरोना संक्रमण के जोर पकडऩे के कारण रेमडेसिविर इंजेक्शन की बाजार में किल्लत होने के कारण सरकार ने निजी तौर पर इंजेक्शन रखने और इसकी खरीद फरोक्त पर प्रतिबंध लगाया हुआ है।
इस बात को जानते हुए भी दोनों जरुरतमंदों से मुंहमांगे दाम वसूल कर इंजेक्शन की अवैध रूप से बिक्री करते थे। मुखबिर से सूचना मिलने पर क्राइम ब्रांच ने डमी ग्राहक भेज कर उन्हें रंगे हाथों पकडऩे के लिए जाल बिछाया। पुलिस ने गुरुवार को अडाजण परशुराम गार्डन के निकट अष्टविनायक सोसायटी के सामने इंजेक्शन लेकर आए हितेश व रश्मि को पकड़ लिया। उनके कब्जे से तीन सीलबंद इंजेक्शन बरामद हुए, जिनमें से दो एक ही कंपनी के थे।
कोरोना पॉजिटिव निकला हितेष पुसिल ने बताया कि हिरासत में लेने के बाद दोनों का कोविड टेस्ट करवाया गया, जिसमें हितेष कोरोना पॉजिटिव पाया गया। रश्मि की रिर्पोट निगेटिव आने पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में बताया कि उसने बरामद रेमडेसिविर इंजेक्शन मालवीय अस्पताल के ही मेडिकल स्टोर से हासिल किए थे। पुलिस ने शुक्रवार शाम रश्मि को अदालत में पेश ेर तीन दिन के रिमांड पर लिया है।
11-11 हजार में दो इंजेक्शन बेचे रश्मि ने पुलिस को बताया कि जब्त किए तीन इंजेक्शनों के अलावा अस्पताल के मेडिकल स्टोर से उसने दो और इंजेक्शन करीब एक हजार 800 रुपए में हासिल किए थे। जिन्हें बाद में किसी जरुरतमंद को 11 हजार रुपए प्रति इंजेक्शन लेकर बेचा था। इसके अलावा उन्होंने और कितने इंजेक्शन बेचे इस बारे में पुलिस जानकारी जुटा रही है।
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