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हैलीबॉर्न सर्वे के लिए उड़ा हैलीकॉप्टर

locationसूरतPublished: Oct 12, 2017 10:32:59 pm

हैलीबॉर्न सर्वे के लिए मंगलवार को अब्रामा के सवाणी फार्म से हैलीकॉप्टर ने पहली उड़ान भरी। महापौर अस्मिता शिरोया ने हरी झंडी दिखाकर हैलीकॉप्टर को रवाना

Blast chopper for Halleybourn survey

Blast chopper for Halleybourn survey

सूरत।हैलीबॉर्न सर्वे के लिए मंगलवार को अब्रामा के सवाणी फार्म से हैलीकॉप्टर ने पहली उड़ान भरी। महापौर अस्मिता शिरोया ने हरी झंडी दिखाकर हैलीकॉप्टर को रवाना किया। सर्वे का विधिवत काम बुधवार से शुरू हो जाएगा।

हैलीबॉर्न सर्वे के लिए एनजीआरआई की दो सदस्यीय टीम ने मंगलवार से एक्वीफर मैपिंग के लिए काम शुरू कर दिया। पहले दिन महापौर अस्मिता शिरोया ने सुबह 9:30 बजे हरी झंडी दिखाकर सर्वे के काम की औपचारिक शुरुआत की। हैलीकॉप्टर ने उसी क्षेत्र में नदी के ऊपर ट्रायल किया। एनजीआरआई टीम के मुताबिक सर्वे का विधिवत काम बुधवार से शुरू होगा। हैलीकॉप्टर से रोजाना नदी क्षेत्र पर उड़ान भरकर सैंसरिंग से डाटा एकत्र किया जाएगा।


इस दौरान २६८ वर्गमीटर क्षेत्र में नदी के तल से ५०० मीटर नीचे तक १३ हजार लाइन किमी पर सैंसरिंग कर एक्वीफर स्पॉट चिन्हित किए जाएंगे। १७ अक्टूबर तक सर्वे का काम पूरा हो जाने के बाद इसकी रिपोर्ट तैयार होगी। इस रिपोर्ट का सितंबर में इलेक्ट्रिकल रेसिस्टिविटी मैथड से हो चुके सर्वे की रिपोर्ट के साथ मिलान कर एनेलिटिकल स्टडी रिपोर्ट तैयार की जाएगी।

हाइड्रोलिक विभाग के मुताबिक माह के अंत तक एनजीआरआई टीम फाइनल रिपोर्ट मनपा को सौंपेगी। इस पद्धति से एक्वीफर मैपिंग राजस्थान के दौसा और जैसलमेर समेत देश के अन्य शहरों में भी हो चुकी है, लेकिन सूरत महानगर पालिका देश की पहली मनपा है, जो अपने स्तर पर एक्वीफर मैपिंग करा रही है।

अब तक यह काम केंद्र या राज्य सरकारें अपने स्तर पर कराती रही हैं। इस मौके पर स्थाई समिति प्रमुख राजेश देसाई, पानी समिति प्रमुख प्रवीण घोघारी, डिप्टी कमिश्नर नागराजन एम, एडीशनल सिटी इंजीनियर केएच खटवाणी समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।

यह है एक्विफर मैपिंग

भविष्य में पानी की जरूरतें पूरी करने के लिए मनपा टीम तापी नदी में हाइड्रोजियोलॉजी को समझने की कोशिश कर रही है। नदी के एक्विफर्स में जल प्रवाह का अध्ययन करने के लिए हैलीबर्न सर्वे किया जाता है। इसमें हैलीकॉप्टर ड्रोन जमीन के नीचे लेजर बीम छोडक़र सेंसरिंग करेगा और इसकी थ्री डी इमेज जमीन के नीचे कैविटी स्पॉट (पानी के स्रोत) चिन्हित करेगी। इन कैविटी स्पॉट्स पर पंक्चर करने से कम मेहनत में उच्च गुणवत्ता का पानी मिल जाएगा।

यह होगा लाभ


एक्विफर मैपिंग से भविष्य में बनने वाले फ्रेंच वेल में मनपा को मदद मिलेगी।
नदी किनारों पर पानी आपूर्ति प्रोजेक्ट्स के लिए जमीन आरिक्षत करने में सहूलियत।
ब्रिज और आउटर रिंग रोड के अलाइनमेंट में सहायक।
हाईराइज बिल्डिंग की अनुमति देने के मद्देनजर टाउन प्लानिंग विभाग की प्लानिंग में आसानी।
नदी पर बैरेज और बांध बनाने में मदद
मेट्रो और हाईवे प्रोजेक्ट्स के लिए फायदेमंद।

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