सूरत रक्तदान केन्द्र और रिसर्च सेंटर के अधिकारी नितेष मेहता ने बताया कि शहर में कोरोना संक्रमण के चलते रक्तदान शिविरों की संख्या बहुत कम हो गई है। इसके चलते रक्त के विभिन्न ग्रुपों के यूनिटों में कमी देखने को मिल रही है। अभी से शहरीजनों ने रक्तदान शिविरों का आयोजन नहीं किया तो आगामी दिनों में परिस्थिति और गंभीर हो सकती है। रक्त की जरुरत वाले मरीजों के परिजनों को एक ब्लड बैंक से दूसरे ब्लड बैंक भटकना पड़ रहा है।
कोरोना रोकथाम की गाइडलाइन के मुताबिक प्रशासन रक्तदान शिविरों को आयोजित करने की मंजूरी दे रही है। शहरीजनों को भी रक्तदान करने के लिए आगे आने की जरुरत है। उन्होंने बताया कि 18 से 65 वर्ष के स्वस्थ व्यक्ति वैक्सीन लेने से पहले रक्तदान कर जरुरतमंदों की आवश्यकता पूरी कर सकते है। हाल में कोरोना केस तेजी से बढ़ रहे है। इसके चलते ब्लड बैंकों में प्लाज्मा की मांग भी बढ़ गई है। कोरोना संक्रमण से स्वस्थ हुए व्यक्तियों को 28 दिन बाद प्लाज्मा दान कर सकते है। रक्तदान शिविर और प्लाज्मा दान के लिए ब्लड बैंकों का सम्पर्क कर सकते हैं।
2019 के तुलना में 2020 में कम रक्तदान सूरत रक्तदान केन्द्र और रिसर्च सेंटर के आंकड़ों को देखे तो 2019 की तूलना में 2020 में कोरोना संक्रमण के चलते कम रक्तदान शिविर का आयोजन हुआ था। वर्ष 2019 में कुल 373 रक्तदान शिविर का आयोजन कर करीब 2 लाख 31 हजार 308 यूनिट रक्त एकत्र किया गया था। मार्च 2020 में कोरोना की शुरूआत के बाद लॉकडाउन और अनलॉक में शिविरों की संख्या एकदम घट गई थी। इसके बावजूद वर्ष 2020 में कुल 280 रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया जिसमें 2 लाख 21 हजार 400 यूनिट रक्त ब्लड बैंक में जमा किया गया था।