शिक्षा विभाग के अनुसार, कक्षा 1 और 2 के विद्यार्थियों को किस तरह के अंक और ग्रेड देने की आवश्यकता नहीं है। मूल्यांकन की भी जरूरत नहीं है। कक्षा 3 से 8 में करना होगा मूल्यांकन
कक्षा 3 से 8 में विद्यार्थियों के प्रथम सत्र के 40 और द्वितीय सत्र के 40 अंकों के आधार पर परिणाम तैयार करना होगा। साथ ही सालभर ऑनलाइन कक्षा की उपस्थिति और व्यवहार के आधार पर अन्य 20 अंक जोड़कर 100 अंकों का मूल्यांकन कर विद्यार्थी को ग्रेड देकर ऊपरी कक्षा में प्रमोट करना होगा। कक्षा 3 से 7 के विद्यार्थियों को मात्र ग्रेड देना होगा। जबकि कक्षा 8 के विद्यार्थियों को ग्रेड और अंक देकर परिणाम तैयार करना होगा।
गणित, विज्ञान, समाजशास्त्र, गुजराती और पर्यावरण विषय का मूल्यांकन 100 अंकों का होगा। जबकि हिन्दी और अंग्रेजी विषय का मूल्यांकन 60 अंकों में से करने का आदेश दिया गया है। कक्षा 3 के विद्यार्थियों का परिणाम 300, कक्षा 4 के विद्यार्थियों का 420 तथा कक्षा 5 के विद्यार्थियों का 500 अंको में से, जबकि कक्षा 6-7-8 के विद्यार्थियों का मूल्यांकन कुल 700 अंकों में से करने का आदेश स्कूलों को दिया गया है।