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Board result : मास प्रमोशन का हुआ विद्यार्थियों के परिणाम पर गहरा असर

कोरोना corona के मामले भले कम हो गए है, लेकिन इसका शिक्षा पर असर कम नहीं हुआ है। पिछले साल सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों को Mass promotion देकर पास किया गया था। इसका उल्टा असर इस साल के परिणाम Board result पर हुआ है। राज्य भर में 9वीं में 40 और 11वीं में 45 प्रतिशत विद्यार्थी फेल हो गए हैं। इनका एक साल खराब ना हो इसलिए राज्य संचालक मंडल ने गुजरात माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से फेल विद्यार्थियों की पुनः परीक्षा लेने की गुजारिश की है।

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Board result : मास प्रमोशन का हुआ विद्यार्थियों के परिणाम पर गहरा असर

Board result : मास प्रमोशन का हुआ विद्यार्थियों के परिणाम पर गहरा असर

कोरोना corona ने पूरी दुनिया में हाहाकार मचा दिया था। इसका आज देश और दुनिया के कई हिस्सों में असर दिखाई दे रहा है। कोरोना ने सभी क्षेत्रों पर अपनी गहरी छाप छोड़ी थी। शिक्षा क्षेत्र पर भी इसका काफी प्रभाव पड़ा। जिसके चलते शैक्षणिक सत्र 2020-21 और 2021-22 में सारी पढ़ाई ऑनलाइन हुई। बिना परीक्षा के ही सभी 1 से 12 कक्षा के विद्यार्थियों को Mass promotion देकर पास किया गया। साथ ही विद्यार्थियों को मास प्रमोशन के चलते ऊपरी कक्षा में प्रवेश भी दिया गया। फिर कोरोना का असर कम होने पर ऑफलाइन पढ़ाई शुरू हुई। इस साल सभी 1 से 12 कक्षा के विद्यार्थियों की ऑफलाइन परीक्षा ली गई। अब सभी का परिणाम Board result भी जारी हो रहा है। यह परिणाम देख स्कूल संचालक ही हैरान हो गए हैं। राज्य के सरकारी, अनुदानित, स्वनिर्भर, जवाहर नवोदय विद्यालय सभी को मिलाकर 9वीं और 11वीं में बड़ी संख्या में विद्यार्थी फेल हुए हैं। राज्य संचालक मंडल के प्रमुख भास्कर पटेल का कहना है कि 9वीं में 40 और 11वीं में 45 प्रतिशत के करीब विद्यार्थी फेल हुए हैं।
- पढ़ाई और परीक्षा के छूटी आदत ने बिगाड़ा परिणाम:
कोरोना के चलते लगातार दो साल तक विद्यार्थियों की ऑनलाइन चलती रही। इस वजह से कई विद्यार्थियों की पढ़ने, लिखने और परीक्षा देने की प्रैक्टिस छूट गई। इसका असर ऑफलाइन परीक्षा देते समय पता चला। ऑनलाइन पढ़ाई और परीक्षा का उल्टा असर ऑफलाइन परीक्षा और परिणाम पर हुआ है।
- लिखना छूटा तो समय पर पेपर नहीं पूरा हो पाया:
ऑनलाइन पढ़ाई के चलते क्लास और परीक्षा में जो लिखने की प्रैक्टिस थी वो एकदम से छूट गई। इस वजह से इस बार को ऑफलाइन परीक्षा में समय पर कई पेपर पूरे नहीं हो पाए और इस वजह से अच्छा परिणाम नहीं आया।
- प्रतीक दलाल, विद्यार्थी 9वीं कक्षा
- याद नहीं रहने के चलते परीक्षा में हुई परेशानी:
स्कूल ऑनलाइन हो गया। कभी इंटरनेट तो कभी तकनीकी साधनों की कमी के कारण ऑनलाइन क्लास भी छूट जाती। पढ़ने में कम ध्यान लगने लगा। इसलिए याद भी कम रहने लगा। ऑफलाइन परीक्षा के समय यह ही परेशानी सताती थी। इस वजह से परिणाम पर भी असर पड़ा है।
- नवल चौधरी, विद्यार्थी 11वीं कक्षा
- गुजरात बोर्ड से की है अपील:
गुजरात के सभी स्कूलों को मिलाकर 9वीं और 11वीं में 40 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थी फेल हुए है। ऑनलाइन पढ़ाई के कारण यह दुविधा हुई है। सभी को पास होने का एक अवसर मिलना चाहिए। इसलिए गुजरात बोर्ड से परीक्षा लेने की अनुमति मांगने की गुजारिश की गई है। गुजरात बोर्ड शिक्षा विभाग को सूचित करेगा। सरकार निर्णय लेगी तो परीक्षा होगी।
- भास्कर पटेल, प्रमुख, राज्य संचालक मंडल