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…बोल भाई गवरा कितरा बीर

locationसूरतPublished: Mar 23, 2019 09:22:45 pm

Submitted by:

Dinesh Bhardwaj

जगह-जगह होने लगी पूजा, शीतला सप्तमी से चढ़ेगा परवान

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…बोल भाई गवरा कितरा बीर

सूरत. प्रवासी राजस्थानी बहुल इलाकों में सुबह गणगौर पूजा के गीत गूंजने लगे है। धूलेटी के साथ ही गुरुवार से शहर में प्रवासी राजस्थानी महिलाओं ने गणगौर पर्व मनाना शुरू कर दिया। गणगौर की पूजा का दौर सोलह दिवस तक चलेगा और सातवें दिन से इसमें बिंदोळे की शुरुआत की जाएगी। गणगौर पूजन की शुरुआत होलिकादहन की राख से पिंडिया बनाकर गुरुवार सुबह उनकी पूजा से की गई।
ईसर-गौर के गीत गाकर अपने पति के शिव समान होने व उनके दीर्घायु होने की आकांक्षा शिव-पार्वती से व्यक्त कर युवतियों व महिलाओं ने गणगौर पर्व मनाना शुरू कर दिया है। पर्व में युवतियां और नवविवाहिताएं भी शामिल हो रही है। शहर के टीकम नगर, परवत पाटिया, गोडादरा, पूणागांव, उधना, भटार, अलथाण, घोडदौड़ रोड, सिटीलाइट, न्यू सिटीलाइट, वेसू समेत अन्य कई क्षेत्रों में स्थित सोसायटी-अपार्टमेंट में गौर ए गणगौर माता, खोल ए किंवाड़ी…जैसे गीतों का गूंजन सोमवार से गणगौर पूजन के दौरान होने लगा है। गणगौर पूजा की शुरुआत धूलेटी गुरुवार से की गई और इसमें पहले युवतियों व महिलाओं ने होलिकादहन की राख से पिंडियां बनाकर उनकी स्थापना की। इस दौरान उन्होंने बाग में हरी दूब एकत्र करते हुए मैं आज सवेरे उठी…और पूजा के दौरान चमकण घाघरो चमकरण कीर, बोल भई गवरा कितरा बीर…समेत चुनड़ी, मेहंदी, टीकी आदि के गीत गाए। यह क्रम अब लगातार चलेगा और शीतला सप्तमी से गणगौर पर्व बिंदोळे, गुडला सवारी समेत अन्य आयोजनों के साथ परवान चढ़ जाएगा।

मीठी-मीठी शुरुआत हो गई


धूलेटी से ही गणगौर की मीठी-मीठी शुरुआत हो गई है और दिन बीतने पर यह पर्व पूरे रंग में आ जाएगा। फिलहाल होलिकादहन की राख से निर्मित पिंडियों की पूजा-अर्चना विभिन्न गीतों के माध्यम से जारी है।
डॉली मुंदड़ा, युवती

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