टैक्सटाइल और डायमंड के लिए सूरत दुनियाभर में खास पहचान बना चुका है। सूरत उन शहरों में शामिल है, जो रोजाना बड़ी संख्या में रोजगार सृजित करते हैं। काम-धंधे की तलाश में हर दिन हजारों लोग सूरत आते हैं। यहां काम-धंधे से लग चुके लोगों के बच्चे जब तकनीकी शिक्षा हासिल करते हैं तो उनके लिए शहर में कोई काम उपलब्ध नहीं होता, न नौकरी न स्टार्टअप। ऐसे में उनके समक्ष रोजगार का संकट खड़ा हो जाता है। हालत यह होती है कि रोजगार की तलाश में सूरत आए लोगों के बच्चे रोजगार के लिए घर-परिवार छोडक़र दूसरे शहरों का रुख करने को मजबूर हो जाते हैं। इस समस्या से उन युवाओं को भी जूझना पड़ता है, जो मूल रूप से सूरत के हैं। इन युवाओं को या तो पारिवारिक उद्यम से जुडऩा पड़ता है या नौकरी के लिए परिवार का मोह छोडक़र दूसरे शहरों में जाना पड़ता है।
सूरत में जो रोजगार सृजित होते हैं, उनमें अकुशल श्रमिकों के लिए बड़ी संभावना रहती है। उन कुशल श्रमिकों के लिए भी यहां रोजगार के विकल्प हैं, जिनका कॉलेज की शिक्षा से ज्यादा लेना-देना नहीं है। डिजिटल और तकनीकी शिक्षा ने पढ़े-लिखे युवाओं की इच्छाओं को नए पंख दिए हैं। आइटी सेक्टर हो या कोई और क्षेत्र, शहर में इन युवाओं के लिए किसी तरह के प्रयास नहीं हो रहे हैं। शहर में आइटी सेक्टर को बूस्ट करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रदेश का मुख्यमंत्री रहते आइटी पार्क का उद्घाटन किया था। सॉफ्टवेयर टैक्नोलॉजी पाक्र्स ऑफ इंडिया (एसटीपीआई) ने इसे सजाने-संवारने का काम हाथ में लिया था। यह पार्क अब तक गति नहीं पकड़ पाया है। इंकुबेशन सेंटर में फेसिलिटीज तो हैं, लेकिन लोग वहां नहीं पहुंच पा रहे हैं। आइटी सेक्टर के लिए कोई स्कोप नहीं होने से शहर की कई आइटी फर्म भी यहां से पलायन कर चुकी हैं। नई बड़ी आइटी कंपनियां सहूलियतों के अभाव में सूरत नहीं आना चाहतीं। आइटी की पढ़ाई कर चुके बच्चे अन्य शहरों में नौकरी के लिए शहर छोड़ देते हैं।
कइयों का रुख पुणे की ओर आइटी के क्षेत्र में नौकरी की तलाश के लिए शहर के अधिकांश युवाओं ने पुणे का रुख किया है। पुणे ने पिछले कुछ साल में तेजी से नए विकल्प तलाशे हैं। पुणे ने नए आइटी पार्कों के लिए कवायद शुरू की है। इस मुहिम में वहां का स्थानीय प्रशासन भी भागीदारी निभा रहा है। पुणे में नौकरी कर रहे सूरत के युवाओं की शिकायत है कि सूरत में आइटी सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय प्रशासन, राजनेता और नौकरशाह दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं।
छोडऩा पड़ा सूरत मेरा पूरा परिवार सूरत में है, लेकिन आइटी सेक्टर में नौकरी के लिए मुझे घर छोडऩा पड़ा। कई साल से पुणे में रहकर नौकरी कर रहा हूं। सूरत में आइटी सेक्टर को बूस्ट करने के लिए स्थानीय स्तर पर कोई हमारी बात सुनने को तैयार नहीं है।
विश्वास सावंत, आइटी प्रोफेशनल
विश्वास सावंत, आइटी प्रोफेशनल