नवसारी निवासी दिनेश मोहनलाल छाजेड (45 वर्ष) को 11 जून को रात साढ़े आठ बजे अचानक ब्लड प्रेशर बढऩे से पैरालिसिस हुआ। परिजनों ने उन्हें नवसारी डीएन मेहता पारसी अस्पताल में भर्ती करवाया। सीटी स्कैन रिपोर्ट में ब्रेन स्ट्रोक की पुष्टि हुई। चिकित्सकों ने उन्हें सूरत के एप्पल अस्पताल में रेफर किया। न्यूरोसर्जन डॉ. के. सी. जैन समेत अन्य चिकित्सकों ने 14 जून को दिनेश को ब्रेन डेड घोषित किया। सूचना मिलने पर डोनेट लाइफ प्रमुख निलेश मांडलेवाला ने उनके परिवार को अंगदान की जानकारी दी। सहमति मिलने पर उन्होंने स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (एसओटीटीओ) के कन्वीनर डॉ. प्रांजल मोदी से सम्पर्क किया। एसओटीटीओ ने हृदयदान मुम्बई सर एच. एन. रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल और किडनी व लीवर अहमदाबाद के जायडस और आइकेडीआरसी को दिया। जबकि चक्षुओं का दान न्यू सिविल अस्पताल के नेत्र विभाग की अध्यक्ष डॉ. प्रीति कापडिय़ा के निर्देश पर सिविल अस्पताल ने स्वीकार किया। ब्रेनडेड दिनेश का हृदय मुम्बई निवासी 30 वर्षीय व्यक्ति में ट्रांसप्लांट किया गया है। वहीं, एक किडनी अहमदाबाद की 47 वर्षीय महिला, दूसरी किडनी को सूरत की 17 वर्षीय छात्रा और लीवर अहमदाबाद के 43 वर्षीय व्यक्ति में ट्रांसप्लांट किया गया है।
सूरत से मुम्बई 92 मिनट में पहुंचा हृदय हृदय, किडनी और लीवर को मुम्बई और अहमदाबाद पहुंचाने के लिए दो ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए थे। इसमें शहर पुलिस के साथ दूसरे शहरों के पुलिस की भी मदद ली गई। सूरत के एप्पल अस्पताल से मुम्बई 300 किमी की दूरी ग्रीन कॉरिडोर के साथ हवाई मार्ग से 92 मिनट में पूरी की गई है। वहीं, सूरत से अहमदाबाद 274 किमी की दूरी सडक़ मार्ग से 180 मिनट में तय की गई है।
अब तक 816 को मिला नया जीवन डोनेट लाइफ की ओर से बताया गया कि गुजरात से हृदयदान का 43वां और सूरत से 33वां मामला है। इसमें 22 हृदय मुम्बई, 5 हृदय अहमदाबाद, 4 हृदय चेन्नई, एक-एक हृदय इंदौर व नई दिल्ली में ट्रांसप्लांट किए गए है। इसके अलावा 386 किडनी, 159 लीवर, 8 पेन्क्रीयाज, 33 हृदय, 14 फेफड़े और 290 चक्षुओं समेत कुल 888 अंग लेकर 816 जनों को नया जीवन दिया है।