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तेज गर्मी ने बढ़ाए सब्जियों के दाम, आवक कम

locationसूरतPublished: May 24, 2019 08:17:58 pm

Submitted by:

Sunil Mishra

रखरखाव एवं संरक्षण का खर्च बढ़ गया

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तेज गर्मी ने बढ़ाए सब्जियों के दाम, आवक कम


सिलवासा. भीषण गर्मी से मंडियों में हरी सब्जियों की आवक कम हो गई है। आलू, प्याज छोडक़र कोई भी हरी सब्जियां 60 रुपए किलो से कम नहीं मिल रही हैं। गर्मी में आलू के भाव लगातार बढ़ रहे हैं। व्यापारियों के अनुसार गर्मी में सब्जियों के रखरखाव व संरक्षण का खर्च बढ़ गया है। चालू सप्ताह में लाल टमाटर के भाव 30 रुपए किलो हो गए हैं। अप्रेल में टमाटर के भाव 10 रुपए प्रति किग्रा चल रहे थे। आवक घटने से बाजार में आलू 20 रुपए, गोभी 100 रुपए, ग्वारफली 100 रुपए, हरी मिर्च 120 रुपए, हरा धनियां 120 रुपए, ककड़ी 40 रुपए, करेला 100 रुपऐ, लौकी 40 रुपए, पेठा 30 रुपए, बैंगन 60 रुपए, परवल 60 रुपए, टिंडोरा 60 रुपए किलो हो गए हैं। तेज धूप से फसलों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। किसानों के अनुसार खेतों में सब्जियों की वृद्धि रुक गई हैं। आगामी दिनों सब्जियों की आवक और कम होने की उम्मीद है। मानसून तक सब्जियों के भाव घटने के आसार नहीं हैं। इस बार प्याज की रिकॉर्ड उपज हुई है, जिससे किसानों को प्याज के उचित दाम नहीं मिल रहे हैं।
दिव्यांगशाला 12 जून को खुलेगी
सिलवासा. रेडक्रॉस संचालित दिव्यांग शाला अवकाश के बाद 12 जून से आरम्भ होगी। गर्मी के कारण स्कूल में 11 जून तक अवकाश रखा है। नए सत्र के लिए प्रवेश चल रहे हैं। स्कूल के प्राचार्य ज्योति सूर ने बताया कि नए सत्र में बच्चों की संख्या 300 से अधिक हो जाएगी। सभी दिव्यांग बच्चों को प्रवेश देने का लक्ष्य है। शाला में दिव्यांगों का प्रवेश नि:शुल्क रखा है। खानवेल, दुधनी, मांदोनी, आंबोली ग्राम पंचायतों के गांवों मेंं रहने वाले दिव्यांगों के परिजनों से विशेष बच्चों को प्रवेश के लिए आग्रह किया है। गांवों से स्कूल में आवागमन के लिए नि:शुल्क बस, शिक्षण सामग्री, स्कूल ड्रेस, जूते आदि प्रदान किए जाएंगे।
बच्चे बढऩे से फंड की कमी मुख्य समस्या बन गई है। विकलांग समाज के अंग हैं। विकलांग स्कूल में शिक्षण के साथ बच्चों को रोजगार के विविध पहलुओं की शिक्षा दी जाती है। दिव्यांग बच्चों को नि:शुल्क चिकित्सा एवं जांच की सुविधा मिलती है। ग्रीष्मावकाश में विकलांग पुनर्वास केन्द्र चालू रखा है। केन्द्र पर प्रशिक्षक, ट्यूटर और योग शिक्षकों की नियमित ड्यूटी लगाई है। विकलांग पुनर्वास केन्द्र पर अस्थि विकलांग, मूक, बधिर की नि:शुल्क चिकित्सा एवं इलाज की व्यवस्था है। दिव्यांगों को आवश्यक उपकरण भी नाममात्र शुल्क पर बनाकर दिए जाते हैं।
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