दिव्यांगशाला 12 जून को खुलेगी
सिलवासा. रेडक्रॉस संचालित दिव्यांग शाला अवकाश के बाद 12 जून से आरम्भ होगी। गर्मी के कारण स्कूल में 11 जून तक अवकाश रखा है। नए सत्र के लिए प्रवेश चल रहे हैं। स्कूल के प्राचार्य ज्योति सूर ने बताया कि नए सत्र में बच्चों की संख्या 300 से अधिक हो जाएगी। सभी दिव्यांग बच्चों को प्रवेश देने का लक्ष्य है। शाला में दिव्यांगों का प्रवेश नि:शुल्क रखा है। खानवेल, दुधनी, मांदोनी, आंबोली ग्राम पंचायतों के गांवों मेंं रहने वाले दिव्यांगों के परिजनों से विशेष बच्चों को प्रवेश के लिए आग्रह किया है। गांवों से स्कूल में आवागमन के लिए नि:शुल्क बस, शिक्षण सामग्री, स्कूल ड्रेस, जूते आदि प्रदान किए जाएंगे।
बच्चे बढऩे से फंड की कमी मुख्य समस्या बन गई है। विकलांग समाज के अंग हैं। विकलांग स्कूल में शिक्षण के साथ बच्चों को रोजगार के विविध पहलुओं की शिक्षा दी जाती है। दिव्यांग बच्चों को नि:शुल्क चिकित्सा एवं जांच की सुविधा मिलती है। ग्रीष्मावकाश में विकलांग पुनर्वास केन्द्र चालू रखा है। केन्द्र पर प्रशिक्षक, ट्यूटर और योग शिक्षकों की नियमित ड्यूटी लगाई है। विकलांग पुनर्वास केन्द्र पर अस्थि विकलांग, मूक, बधिर की नि:शुल्क चिकित्सा एवं इलाज की व्यवस्था है। दिव्यांगों को आवश्यक उपकरण भी नाममात्र शुल्क पर बनाकर दिए जाते हैं।
सिलवासा. रेडक्रॉस संचालित दिव्यांग शाला अवकाश के बाद 12 जून से आरम्भ होगी। गर्मी के कारण स्कूल में 11 जून तक अवकाश रखा है। नए सत्र के लिए प्रवेश चल रहे हैं। स्कूल के प्राचार्य ज्योति सूर ने बताया कि नए सत्र में बच्चों की संख्या 300 से अधिक हो जाएगी। सभी दिव्यांग बच्चों को प्रवेश देने का लक्ष्य है। शाला में दिव्यांगों का प्रवेश नि:शुल्क रखा है। खानवेल, दुधनी, मांदोनी, आंबोली ग्राम पंचायतों के गांवों मेंं रहने वाले दिव्यांगों के परिजनों से विशेष बच्चों को प्रवेश के लिए आग्रह किया है। गांवों से स्कूल में आवागमन के लिए नि:शुल्क बस, शिक्षण सामग्री, स्कूल ड्रेस, जूते आदि प्रदान किए जाएंगे।
बच्चे बढऩे से फंड की कमी मुख्य समस्या बन गई है। विकलांग समाज के अंग हैं। विकलांग स्कूल में शिक्षण के साथ बच्चों को रोजगार के विविध पहलुओं की शिक्षा दी जाती है। दिव्यांग बच्चों को नि:शुल्क चिकित्सा एवं जांच की सुविधा मिलती है। ग्रीष्मावकाश में विकलांग पुनर्वास केन्द्र चालू रखा है। केन्द्र पर प्रशिक्षक, ट्यूटर और योग शिक्षकों की नियमित ड्यूटी लगाई है। विकलांग पुनर्वास केन्द्र पर अस्थि विकलांग, मूक, बधिर की नि:शुल्क चिकित्सा एवं इलाज की व्यवस्था है। दिव्यांगों को आवश्यक उपकरण भी नाममात्र शुल्क पर बनाकर दिए जाते हैं।