करचोड़ में टूटा कोजवे, थम गई आवाजाही
नहीं पहुंचा कोई अधिकारी

वलसाड. जिले के कपराड़ा स्थित करचोड़ गांव का कोजवे भारी बरसात के कारण टूट जाने से कई गांव के लोगों को आवागमन में दिक्कत होने लगी है। प्रशासन अभी तक सोया हुआ है।
करचोड़ और सिलवासा को जोडऩे वाला कोजवे पानी के तेज बहाव के कारण टूट गया है। इससे कई गांवों के लोगों की आवाजाही बंद हो गई है। ग्रामीणों के सूचना देने पर भी कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। इसके बाद ग्रामीणों ने कोजवे के बहने वाले स्थान पर पत्थर डालकर धीरे-धीरे आवाजाही शुरू की है। करचोड़ गांव के लोगों ने बताया कि वर्ष 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के आगमन पर कोजवे के स्थान पर पुल बनाने की मांग की थी। आनंदीबेन ने यहां पुल बनाने के निर्देश भी दिए थे, लेकिन उसके बाद न तो किसी अधिकारी और न किसी मंत्री ने इसकी सुध ली। परिणाम स्वरुप अब कोजवे भी बरसात में टूट गया। गांव के रमण चौधरी ने बताया कि कोजवे के साथ दो और कोजवे हैं, उनके ऊपर भी पुल बनाने की मांग की गई थी। मुख्यमंत्री आदेश देकर तो चली गई, लेकिन उसके बाद यहां कोई नहीं आया। कोजवे के टूटने से सबसे ज्यादा परेशानी छात्रों और बीमार लोगों को हो रही है। प्रशासन की ओर से मदद न मिलने पर लोगों ने कोजवे पर अपने स्तर पर आने जाने लायक रास्ता बनाने का काम शुरू किया है।
वलसाड में अब तक 70 इंच से ज्यादा बरसात
वलसाड शहर में लगातार 14 दिनों हुई बरसात ने लोगों को बेहाल कर दिया। अब तक वलसाड में 70 इंच से ज्यादा बरसात हो चुकी है। बरसात बंद होने के बाद से लोगों ने राहत की संास ली है। वर्ष 2013 में 13 तथा 2010 में सात दिन तक लगातार बरसात हुई थी। इस बार लगातार सबसे ज्यादा दिन तक बरसात होने का रिकार्ड टूट गया। इसके कारण कई विस्तारों मे जलभराव की समस्या खड़ी हो गई थी। हालात सामान्य होने के बाद गंदगी फैलने से बीमारी फैलने की आशंका है, लेकिन नगरपालिका प्रशासन अभी तक सोया है। लोगों को गंदगी से मच्छरों का उपद्रव बढऩे का डर सता रहा है, लेकिन नपा की ओर से न तो सफाई अभियान चलाया गया और न डीडीटी पाउडर का छिड़काव किया गया। मोगरावाड़ी रेलवे नाले के पास रहने वाले हजारों लोगों को भी बीमारियों का डर सता रहा है। यहां गटर में बारिश के पानी के साथ कचरा जमा हो गया है। जिसे निकाला नहीं गया और अब दुर्गन्ध आनी शुरू हो गई है। बिना नाक बंद किए यहां से लोगों को निकलना मुश्किल हो गया है।
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