वलसाड में अब तक 70 इंच से ज्यादा बरसात
वलसाड शहर में लगातार 14 दिनों हुई बरसात ने लोगों को बेहाल कर दिया। अब तक वलसाड में 70 इंच से ज्यादा बरसात हो चुकी है। बरसात बंद होने के बाद से लोगों ने राहत की संास ली है। वर्ष 2013 में 13 तथा 2010 में सात दिन तक लगातार बरसात हुई थी। इस बार लगातार सबसे ज्यादा दिन तक बरसात होने का रिकार्ड टूट गया। इसके कारण कई विस्तारों मे जलभराव की समस्या खड़ी हो गई थी। हालात सामान्य होने के बाद गंदगी फैलने से बीमारी फैलने की आशंका है, लेकिन नगरपालिका प्रशासन अभी तक सोया है। लोगों को गंदगी से मच्छरों का उपद्रव बढऩे का डर सता रहा है, लेकिन नपा की ओर से न तो सफाई अभियान चलाया गया और न डीडीटी पाउडर का छिड़काव किया गया। मोगरावाड़ी रेलवे नाले के पास रहने वाले हजारों लोगों को भी बीमारियों का डर सता रहा है। यहां गटर में बारिश के पानी के साथ कचरा जमा हो गया है। जिसे निकाला नहीं गया और अब दुर्गन्ध आनी शुरू हो गई है। बिना नाक बंद किए यहां से लोगों को निकलना मुश्किल हो गया है।
वलसाड शहर में लगातार 14 दिनों हुई बरसात ने लोगों को बेहाल कर दिया। अब तक वलसाड में 70 इंच से ज्यादा बरसात हो चुकी है। बरसात बंद होने के बाद से लोगों ने राहत की संास ली है। वर्ष 2013 में 13 तथा 2010 में सात दिन तक लगातार बरसात हुई थी। इस बार लगातार सबसे ज्यादा दिन तक बरसात होने का रिकार्ड टूट गया। इसके कारण कई विस्तारों मे जलभराव की समस्या खड़ी हो गई थी। हालात सामान्य होने के बाद गंदगी फैलने से बीमारी फैलने की आशंका है, लेकिन नगरपालिका प्रशासन अभी तक सोया है। लोगों को गंदगी से मच्छरों का उपद्रव बढऩे का डर सता रहा है, लेकिन नपा की ओर से न तो सफाई अभियान चलाया गया और न डीडीटी पाउडर का छिड़काव किया गया। मोगरावाड़ी रेलवे नाले के पास रहने वाले हजारों लोगों को भी बीमारियों का डर सता रहा है। यहां गटर में बारिश के पानी के साथ कचरा जमा हो गया है। जिसे निकाला नहीं गया और अब दुर्गन्ध आनी शुरू हो गई है। बिना नाक बंद किए यहां से लोगों को निकलना मुश्किल हो गया है।