नेशनल हाई स्पीड रेल कार्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) की पीआरओ सुषमा गौर ने बताया कि अभी तक परियोजना के लिए 64 फीसद जमीन अधिग्रहित की गई है। इसमें गुजरात और दादर नगर हवेली में 82 प्रतिशत और महाराष्ट्र में करीब 23 प्रतिशत जमीन का अधिग्रहण किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि महाराष्ट्र के पालघर और गुजरात के सूरत व नवसारी जैसे इलाकों में जमीन अधिग्रहण में अभी भी दिक्कतें आ रही हैं। पिछले साल कंपनी ने निर्माण कार्यो के लिए नौ निविदाएं जारी की थी, जिन्हें महामारी की वजह से खोला नहीं जा सका। परियोजना में विलंब का कारण इसकी लागत में इजाफा भी हो सकता है। फिलहाल परियोजना की वर्तमान लागत में भारत सरकार को 10 हजार करोड़, जबकि गुजरात और महाराष्ट्र सरकार को पांच-पांच हजार करोड़ रुपए देने हैं। शेष राशि जापान से 0.1 फीसद की ब्याज दर पर कर्ज के रूप में देगा।
ऐसे मिलेगा रोजगार परियोजना के निर्माण में विभिन्न निर्माण संबंधी गतिविधियों के लिए 51,000 से अधिक टेक्नीशियनों, कुशल और अकुशल कार्यबल की आवश्यकता होगी। एनएचएसआरसीएल पहले से ही विभिन्न प्रकार के निर्माण संबंधित विषयों जैसे बार बैंडिंग, टाइल बिछाने, निर्माण विद्युत कार्यों, कांन्क्रिटिंग, प्लास्टर आदि में श्रमिकों को प्रशिक्षण प्रदान करने और रोजगार की संभावनाओं को तलाश रहा है। ट्रैक बिछाने के लिए एनएचएसआरसीएल द्वारा ठेकेदार के कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
इसके अलावा 34,000 से अधिक अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे। 460 किमी लंबी लाइन, 26 किमी लंबी सुरंगों को बनाने के लिए 75 लाख मीट्रिक टन सीमेंट और 21 लाख मीट्रिक टन स्टील की खपत होने की उम्मीद है। इससे 7 किमी लंबी समुद्र में सुरंग, 27 स्टील पुल, 12 स्टेशन और कई अधिक सहायक सुपर स्ट्रक्चर शामिल हैं। ये उद्योग विभिन्न श्रेणियों, लिंक की गई आपूर्ति श्रृंखला और संबद्ध सेवाओं में रोजगार के अवसर प्रदान करेंगे।
कुछ महत्वपूर्ण निर्माण संबंधी निविदाओं को अगले महीनों में खोला जाएगा। इससे राष्ट्र की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। ये निविदाएं 237 किमी पर वियाडक्ट्स, पुल, रखरखाव डिपो, स्टेशन (वापी, बिलिमोरा, सूरत और भरुच) और सूरत डिपो से जुड़े सिविल और बिल्डिंग वक्र्स के डिजाइन और निर्माण के लिए है। वडोदरा और अहमदाबाद के बीच 88 किमी पर वियाडक्ट एंड ब्रिज, क्रॉसिंग ब्रिज, मेंटेनेंस डिपो और स्टेशन (आनंद/नडियाद) से जुड़े सिविल और बिल्डिंग वक्र्स का डिज़ाइन और निर्माण शामिल है। हाई स्पीड रेल कॉरिडोर में सडक़ें, नदियां, रेलवे की अन्य संरचनाएं पार करने के लिए 33 पुलों के लिए प्रोक्योरमेंट, फैब्रिकेशन आदि कार्य शामिल हैं।