सूरत के बाप्स अस्पताल में कोरोना मरीजों का इलाज करते हुए डॉ. संकेत कोरोना पॉजिटिव हो गए थे। इलाज के दौरान उनकी हालत गंभीर हो गई और 22 दिन तक एकमो मशीन पर उपचार दिया गया था। सुधार नहीं होने पर चिकित्सकों ने उनको फेफड़े ट्रांसप्लांट के लिए चेन्नई के एमजीएम अस्पताल में एयर एम्बुलेंस से शिफ्ट किया था। सूरत एनेस्थेसिया एसोसिएशन के प्रमुख डॉ. जयेश ठकराल ने बुधवार को बताया कि डॉ. संकेत को चेन्नई शिफ्ट करने के दस दिन बाद अच्छी खबर आई है। क्लीनिकल डायरेक्टर और पल्मोलॉजिस्ट डॉ. अपार जिंदल, डॉ. सुरेश राव, डॉ. के. आर. बालाकृष्णन मिलकर डॉ. संकेत का इलाज कर रहे हैं। चिकित्सकों ने बताया कि डॉ. संकेत को जब चेन्नई शिफ्ट किया गया था, तब उनके फेफड़े कड़े हो गए थे। जिससे ऑक्सीजन का शुद्धिकरण प्रक्रिया सही से नहीं हो रही थी। स्नायु में कमजोरी आ गई थी। वह सिर्फ अपनी हाथ-पैर की अंगुलियों को ही हिला सकते थे।
इलाज के दौरान उनमें सुधार आया। 22 सितम्बर, सोमवार को जांच के बाद उनको एकमो मशीन से हटाने का निर्णय किया गया। इस दौरान उनके फेफड़े मात्र 40 प्रतिशत ऑक्सीजन सपोर्ट के साथ 100 प्रतिशत ऑक्सीजन सेचुरेशन को पूरा कर रहे थे। डॉ. जयेश ने बताया कि अभी चार सप्ताह तक उनका इलाज चेन्नई के अस्पताल में किया जाएगा। हाल में उनकी हालत स्थिर बनी हुई है।