प्रतीक्षालय यात्रियों के बैठने लायक नहीं
वर्ष 1980 के बाद गुजरात परिवहन निगम की बसें वापी से सिलवासा होते हुए अंबाबाड़ी, घोड़बारी, दुधनी, कौंचा, मांदोनी, सिंदोनी, खेरड़ी, वेलुगाम और रांधा तक जाती थीं। इन रास्तों पर एसटी निगम ने प्रत्येक गांवों में यात्रियों की प्रतीक्षा के लिए बस स्टैण्ड भवन बनाए थे। वर्ष 2010 के बाद एसटी बसों की संख्या कम होती गई, तथा गांवों में बने बस स्टैण्ड के भवन भी खंडहर में तब्दील हो गए। ग्रामीण रूट पर गुजरात बस का स्थान मिनी बसों ने ले लिया है, लेकिन बस स्टेण्ड भवन की दशा पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। सिलवासा से रखोली होते हुए मांदोनी तक एक दर्जन यात्री प्रतीक्षालय भवन बनाए गए थे। उसमें कोई प्रतीक्षालय यात्रियों के बैठने लायक नहीं है। खडोली बस स्टैण्ड भवन में आसपास के दबंगों ने होटल चालू कर दिया है। कई प्रतीक्षालय सडक़ चौड़ीकरण सीमा में आ गए हैं, जो तोड़ दिए हैं। बस स्टैण्ड के बिना यात्रियों को सडक़ पर धूप में खड़ा रहने के सिवाय कोई विकल्प नहीं है।
वर्ष 1980 के बाद गुजरात परिवहन निगम की बसें वापी से सिलवासा होते हुए अंबाबाड़ी, घोड़बारी, दुधनी, कौंचा, मांदोनी, सिंदोनी, खेरड़ी, वेलुगाम और रांधा तक जाती थीं। इन रास्तों पर एसटी निगम ने प्रत्येक गांवों में यात्रियों की प्रतीक्षा के लिए बस स्टैण्ड भवन बनाए थे। वर्ष 2010 के बाद एसटी बसों की संख्या कम होती गई, तथा गांवों में बने बस स्टैण्ड के भवन भी खंडहर में तब्दील हो गए। ग्रामीण रूट पर गुजरात बस का स्थान मिनी बसों ने ले लिया है, लेकिन बस स्टेण्ड भवन की दशा पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। सिलवासा से रखोली होते हुए मांदोनी तक एक दर्जन यात्री प्रतीक्षालय भवन बनाए गए थे। उसमें कोई प्रतीक्षालय यात्रियों के बैठने लायक नहीं है। खडोली बस स्टैण्ड भवन में आसपास के दबंगों ने होटल चालू कर दिया है। कई प्रतीक्षालय सडक़ चौड़ीकरण सीमा में आ गए हैं, जो तोड़ दिए हैं। बस स्टैण्ड के बिना यात्रियों को सडक़ पर धूप में खड़ा रहने के सिवाय कोई विकल्प नहीं है।
खानवेल में खुली व्यायामशाला
सिलवासा. सिलवासा के बाद खानवेल खुटली में व्यायामशाला खोली गई है। व्यायाम शाला में फ्लेट बेंच, बायब्रेटर बेल्ट, स्टेंडिंग काफ मशीन, लाट मशीन, फिटनस इक्यूप्मेंट, कु्रल मशीन, हेंड वेट आदि उपकरण लगा दिए हैं। खानवेल में खानवेल, रूदाना, मांदोनी, सिंदोनी, दुधनी, कौंचा की 6 ग्राम पंचायत के गांव जुड़े हैं। खेल एवं युवा कल्याण निदेशक राकेश कुमार ने बताया कि खानवेल में व्यायाम शाला आरम्भ होने से उक्त पंचायतों के ग्रामीणों को लाभ मिलेगा। व्यायामशाला सवेरे 6 बजे से 10 बजे तक तथा शाम को 6 बजे से रात 10 बजे तक खुली रहेगी। इसमें सदस्यता शुल्क नाममात्र की रखी गई है। सदस्यता के लिए अभ्यर्थी के पास आधारकार्ड या पहचान कार्ड होना जरूरी है। अभ्यर्थी चाहे तो वार्षिक शुल्क देकर वर्षभर व्यायाम शाला का लाभ उठा सकता है।