अनलॉक 1.0 के बाद से शहर में संक्रमितों के मिलने का ग्राफ तेजी से आगे बढ़ा है। इसमें 30 फीसदी से ज्यादा संक्रमित हीरा कारखानों और दफ्तरों से मिले हैं। हीरा उद्योग से संक्रमितों के लगातार मिलने के बाद मनपा प्रशासन ने तीन कारखाने सील किए थे। इससे भी बात नहीं बनी तो हीरा बाजारों को बंद करना शुरू किया था। कई बाजार क्लस्टर एरिया में होने के कारण बंद हो गए थे। बीते एक सप्ताह से ज्यादा समय से हीरा कारोबार लगभग ठप पड़ा हुआ है। पिछले सप्ताह सूरत आए मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने राज्यसरकार में राज्यमंत्री किशोर कानाणी को हीरा उद्यमियों के साथ बैठक कर बाजार खुलने की राह तलाशने की जिम्मेदारी सौंपी थी।
राज्यमंत्री के साथ बातचीत के बाद इस बात पर सहमति बनी थी कि दस जुलाई से हीरा बाजार और 14 जुलाई से हीरा कारखाने खोले जाएंगे। इससे पहले अलग-अलग एसओपी जारी होंगी जिनपर हीरा बाजार और कारखानों में अमल करना होगा। मनपा प्रशासन ने बुधवार को ही हीरा बाजारों के लिए एसओपी जारी कर दी है। इस बार की एसओपी अनलॉक 1.0 से पहले जारी की गई एसओपी से कहीं ज्यादा सख्त है। जानकारों के मुताबिक शुक्रवार को बाजार खुलने के बाद दो-एक दिन तो एसओपी के मुताबिक व्यवस्था करने में ही लग जाएंगे। एसओपी पर अमल कराने के लिए हर बिल्डिंग में एक कोरोना वारियर की नियुक्ति ही हीरा बाजारों के लिए चुनौती से कम नहीं है।