प्रकरण के अनुसार लिंबायत नारायणनगर सोसायटी की बापा सीताराम क्रिएशन की ओर से चेतन काकडिया ने अधिवक्ता धर्मेश गांधी के जरिए आंजणा फार्म में जय गुरुदेव लेस के नाम से व्यापार करने वाले विजय मगन बोधरा के खिलाफ कोर्ट में चेक रिटर्न की शिकायत की थी। आरोप के मुतबिक अभियुक्त विजय ने 5.86 लाख रुपए का माल उधार लिया था और पैमेंट के तौर पर चेक लिखकर दिए थे, जो बैंक से रिटर्न हो गए थे। मामले की सुनवाई चेक रिटर्न मामलों की विशेष अदालत में चल रही थी। अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने अभियुक्त विजय बोधरा को दोषी मानते हुए एक साल की कैद और रिटर्न चेक की डेढ़ गुना राशि चुकाने का आदेश दिया।