scriptCYBER CRIME : व्यापारी ने पुलिस से एक कदम आगे रह कर बचाए 23.50 लाख रुपए | Businessman saved Rs 23.50 lakh by staying one step ahead of police | Patrika News

CYBER CRIME : व्यापारी ने पुलिस से एक कदम आगे रह कर बचाए 23.50 लाख रुपए

locationसूरतPublished: Feb 21, 2020 06:00:48 pm

Submitted by:

Dinesh M Trivedi

tm kyc YBER CRIME IN SURAT – केवाइसी के बहाने सूरत के व्यापारी का स्मार्ट फोन हेक कर ठग ने निकाल लिए थे 2.50 लाख रुपए, हरकत में आए व्यापारी ने पुलिस से एक कदम आगे बढ़ कर कुछ घंटो में न सिर्फ बैंक खाते के 21 लाख बचाए बल्कि 2.50 लाख भी हासिल कर लिए
– The thugs had withdrawn Rs 2.50 lakh by hacking the smart phone of a Surat businessman for KYC, the sworn businessman went one step ahead of the police and saved not only 21 lakh bank account in a few hours, also got 2.50 lakh .

CYBER CRIME : व्यापारी ने पुलिस से एक कदम आगे रह कर बचाए 23.50 लाख रुपए

CYBER CRIME : व्यापारी ने पुलिस से एक कदम आगे रह कर बचाए 23.50 लाख रुपए


दिनेश एम. त्रिवेदी.

सूरत. इंटरनेट के बढ़ते उपयोग के साथ साइबर अपराध भी बढ़ गए हैं। इंटरनेट पर सक्रिय साइबर अपराधियों से अपनी मेहनत की पूंजी को बचाए रखना आसान नहीं। वे नित नए पैंतरों व प्रलोभनों से झांसा देने का प्रयास करते रहते है। यदि कोई एक बार इनके झांसे में आ जाता है तो फिर बच नहीं सकता, चंद मिनटों में ही वे जीवन भर की संचित पूंजी पर हाथ साफ कर जाते है।
पुलिस के लिए भी इन साइबर अपराधियों तक पहुंचना आसान नहीं होता है, लेकिन ऐसे ठगों के जाल में फंसे सूरत के एक व्यापारी ने अपनी होशियारी और सक्रियता से न सिर्फ अपने बैंक खाते में जमा 21 लाख रुपए बचाए बल्कि हैकरों द्वारा निकाले गए 2.50 लाख रुपए भी वापस हासिल कर लिए। हम बात कर रहे है वेसू नंदीनी-१ निवासी राजेश पुत्र बसंत गोयल (48) की। वे अपना सारा व्यापारिक लेनदेन ऑनलाइन करते है।
गत १० जनवरी को उनकी पत्नी पेटीएम एप से शॉंपिंग के लिए पैमेंट करने का प्रयास कर रही थी, लेकिन पैमेन्ट हो नहीं रहा था। इस बीच शाम को उनके मोबाइल पर एक मैसेज आया। जिसमें पेटीएम की समस्या को लेकर संपर्क करने के लिए एक नम्बर दिया गया था। उन्होंने शाम पांच बजे उक्त नम्बर पर संपर्क किया तो बात करने वाले ने बताया कि आपका केवाइसी अपडेट नहीं है। केवाइसी अपडेट करने के लिए टीम व्यूअर क्वीक सपोर्ट एप डाउनलोड करने के लिए कहा।
राजेश ने एप डाउनलोड कर दी तथा पूछने पर उसका ओटीपी भी बता दिया। इस एप के जरिए हैकर ने उनके स्मार्ट फोन पर सक्रिय बैंक खातों की जानकारी हासिल की, बल्कि उनकी फर्म के एचडीएफसी बैंक खाते से तुंरत 50-50 हजार रुपए के पांच ट्रांजेक्शन कर तनिष्क कंपनी के गोल्ड वाउचर खरीद लिए। यह पता चलते ही राजेश ने अपने खाते में बचे करीब 21.50 लाख रुपए तुंरत दूसरे खाते में ट्रांसफर कर दिए। फिर वह ट्रांजेक्शन रूकवाने के लिए बैंक पहुंचे। बैंक पहुंच कर उन्होंने अपने सभी खाते ब्लॉक करवा दिए।
बैंक व बैंक के मुख्य कार्यालय को इ- मेल के जरिए शिकायत भी दी। वहां से तुरंत पांडेसरा पुलिस थाने गए। थाने में लिखित शिकायत दी। फिर तनिष्क के गोल्ड वाउचर को रोकने के लिए उन्होंने पुलिस से मदद मांगी। पुलिसकर्मी तो उनके साथ नहीं आए , लेकिन अगले दिन सुबह वह अकेले ही तनिष्क के स्थानीय शो रूम पर गए। यहां उन्होंने पूरी बात बताई और वाउचर रद्द करने की गुहार लगाई।
CYBER CRIME : व्यापारी ने पुलिस से एक कदम आगे रह कर बचाए 23.50 लाख रुपए
स्थानीय शो रूम के संचालकों ने उनका हेड ऑफिस (मुख्य कार्यालय) संपर्क करवाया। यहां बात कर उन्होंने राजेश की मदद की। वाउचर परचेज का ट्रांजेक्शन रद्द कर दिया। करीब 20 दिन बाद सारी प्रक्रिया पूरी होने पर बैंक से ट्रांजेक्शन किए गए 2.50 लाख रुपए उनके खाते में वापस आ गए।

झांसों से बचें, धोखा हो तो तुंरत सक्रिय हो जाए


हरियाणा के सिरसा जिले के मूल निवासी राजेश मैटल का कारोबार करते है। पांडेसरा जीआइडीसी में उनकी विनायक मैटल के नाम से फर्म है। उन्होंने पत्रिका से बातचीत में बताया कि जिस तरह से उन्होंने अपनी जीवन भर की पूंजी बचाई ऐसा अन्य लोग भी कर सकते है। जरुरत बस तुंरत सक्रिय होने की है। पहले तो किसी के झांसे में नहीं आए और यदि धोखा हो जाए तो सिर पीटने के बजाए तुंरत सक्रिय हो जाए। तकनीकी जानकारी को लेकर यदि किसी को मेरी जरुरत हो तो मैं मदद के लिए हमेशा तैयार हूं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो