script…लेकिन बाबाओ के चक्कर में न पड़ो | but do not fall into the dizziness of Babao | Patrika News

…लेकिन बाबाओ के चक्कर में न पड़ो

locationसूरतPublished: Sep 16, 2017 12:12:12 pm

Submitted by:

bhuvanesh pandya

शुक्रवार की रात रत्नपुरीचा राजा गणेश भक्त मंडल के तत्वावधान में डालूमोदी बाजार चौराहे पर आयोजित कवि सम्मेलन

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रतलाम। मन के इस मिट्टी का रंजन बहुत जरूरी है। तन के ऊपर इस मिट्टी का अंजन बहुत जरूरी है।। पूजन में भी इस मिट्टी का चंदन बहुत जरूरी है और सबसे पहले इस मिट्टी का वंदन बहुत जरूरी है।। कविता से आगाज करते हुए नारायण निडर ने मंच जो देशभक्ति से ओतप्रोत कविताओं को बौछार की श्रोता भी देर रात तक डटे रहे। डालूमोदी बाजार के चौराहे पर शुक्रवार की रात रत्नपुरीचा राजा गणेशोत्सव भक्त मंडल के तत्वावधान में कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ। जिसमें कवियों ने रिमझिम फुहारों में एक से बढ़कर हास्य-व्यंग्यात्मक और वीर रस की एक कविता सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

श्रोताओं का किया मंत्रमुग्ध
प्रतापगढ़ से आए कवि सुरेंद्र सुमन ने व्रत करो उपवास करो, लेकिन बाबा के चक्कर में न पड़ो। कोख में ना बेटियो पे वार हो। भ्रूण हत्या का फिर ना पाप हो।। मातृ शारदे को मेरी वंदना स्वीकार हो…। सुनाकर भावविभोर कर दिया। कवि सम्मेलन में भक्त मंडल के सदस्यों सहित बड़ी संख्या में श्रोताओं ने उपस्थित देर रात तक कवि सम्मेलन का आनंद लिया। मंदसौर से आए रामु हठिला ने…कोआ को हंस बनकर अब और चुंगने नहीं देंगे…मेरे देश पर घात करने वाले ऐ पाकिस्तान तुझे जड़ से उखाड़ देंगे… सुनाया। जानी बैरागी ने जैसे ही मंच से मत उंगलिया उठाया करो सरहदों पर…वहां भारत के भाग्य विधाता रहते हैं…श्रोताओं ने भी तालिया बजाकर देश भक्तों को जोश भर देने वाली कविता का अभिवादन किया।
महावीर से क्षमा मांग हथियारा उठाना पड़ता
जन्म भूमि के खातिर जीवन दाव लगाना पड़ता है…महावीर से क्षमा मांग हथियारा उठाना पड़ता है…। मैने अपनी कविता में उन दुष्टों को गाली दी है…जिन दुष्टों ने भारत की बर्बादी पर गाली दी है…जैसी वीर रस से भरी कविता सुनाकर कोटा से आए परमानंद दाबीच ने श्रोताओं में जोश भर दिया।
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