चैम्बर ऑफ कॉमर्स की ओर से गुरुवार को उर्जा संरक्षण तथा नई तकनीक और टेक्नोलॉजी की मदद से उत्पादकता में बढ़ोतरी विषय पर आयोजित सेमिनार में पोल्यूकोन लेबोरेटरी प्रा.लि. के डायरेक्टर देवांग गांधी ने कोयले की उत्पादन क्षमता बढ़ाने की जानकारी दी।
गांधी ने कोल टेस्टिंग के बारे में बताया कि सूरत में ऊर्जा के तौर पर कोयले का उपयोग ज्यादा होता है। इसलिए कोयले की टेस्टिंग आवश्यक है। कोयले में एश की मात्रा जितनी कम होगी ,कोयले की क्वॉलिटी उतनी बढिय़ा कही जा सकती है। बॉयलर में एश ज्यादा डालने से उसकी गुणवत्ता घट सकती है। कोयले में मॉइश्चर ज्यादा हो तो बॉयलर का मेन्टेनेंस बढ़ जाता है। इससे उत्पादन कीमत बढ़ जाती है। इस कारण कोयले में मॉइश्चर की जांच करानी चाहिए। टेस्टिंग से खर्च घटाया जा सकता है। इस अवसर पर इस अवसर पर चैम्बर के खजांची मयंक दलाल ने ऊर्जा के विविध स्रोतों की जानकारी दी।
गांधी ने कोल टेस्टिंग के बारे में बताया कि सूरत में ऊर्जा के तौर पर कोयले का उपयोग ज्यादा होता है। इसलिए कोयले की टेस्टिंग आवश्यक है। कोयले में एश की मात्रा जितनी कम होगी ,कोयले की क्वॉलिटी उतनी बढिय़ा कही जा सकती है। बॉयलर में एश ज्यादा डालने से उसकी गुणवत्ता घट सकती है। कोयले में मॉइश्चर ज्यादा हो तो बॉयलर का मेन्टेनेंस बढ़ जाता है। इससे उत्पादन कीमत बढ़ जाती है। इस कारण कोयले में मॉइश्चर की जांच करानी चाहिए। टेस्टिंग से खर्च घटाया जा सकता है। इस अवसर पर इस अवसर पर चैम्बर के खजांची मयंक दलाल ने ऊर्जा के विविध स्रोतों की जानकारी दी।