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ATM FRAUD : जानिए कैसे पार हुए केनरा बैंक के चार एटीेएम से 21 लाख रुपए ?

locationसूरतPublished: Dec 14, 2020 10:59:08 am

Submitted by:

Dinesh M Trivedi

– अंतरराज्यीय मेवाती गिरोह के दो शातिर गिरफ्तार- कैनरा बैंक के चार एटीएम से किए थे 21 लाख रुपए पार-
– Two vicious interstate Mewati gang arrested in surat – Canara Bank ATM fraud of 21 lakh rupees in surat

ATM FRAUD : जानिए कैसे पार हुए केनरा बैंक के चार एटीेएम से 21 लाख रुपए ?

ATM FRAUD : जानिए कैसे पार हुए केनरा बैंक के चार एटीेएम से 21 लाख रुपए ?

सूरत. अलग-अलग इलाकों में स्थित कैनरा बैंक के चार एटीएम सेन्टरों में मशीनों से छेड़छाड़ कर करीब तीन माह में 21 लाख रुपए पार करने के आरोप में कुख्यात अंतरराज्यीय मेवाती गिरोह के दो जनों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने उनके कब्जे से 80 हजार रुपए नकद समेत एक लाख 10 हजार रुपए का सामान जब्त किया है।
पुलिस के मुताबिक, हरियाणा के नूंह जिले के गुब्राडी निवासी आरोपी हनीफ सैयद (30) व औसाफ सैयद (40) ने अपने तीन फरार साथियों साजिद सैयद, इरफान व जहीर के साथ मिल कर कैनरा बैंक में एटीएम से छेड़छाड़ को अंजाम देना कबूल किया है। उन्होंने बताया कि वे अपने साथियों के साथ सितम्बर में सूरत में आए थे और सारोली स्थित हारुन लाकड़ावाला के गोदाम में रह रहे थे।
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हर रोज अलग अलग डेबिट कार्ड लेकर एटीएम सेन्टरों पर जाते थे और बैंक के साथ फ्रॉड कर रुपए निकालते थे। उन्होंने कैनरा बैंक के नामपुरा अथ्थगुर मोहल्ला, मजूरा गेट, इच्छापोर बस स्टेण्ड व अडाजण हनीपार्क रोड के एटीएम सेन्टरों से इस तरह रुपए निकालना कबूल किया। वे फिर से नानपुरा अथ्थगुर मोहल्ला में हाथ आजमाने के इरादे से आए थे।
उसी समय पुलिस ने जाल बिछा कर उन्हें धर दबोचा।उनके कब्जे से नकदी के अलावा चार डेबिट कार्ड, दो नकली चाबियां व दो मोबाइल फोन बरामद हुए। पुलिस ने उनके फरार साथियों की खोजबीन में जुटी है। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व एक्सीस बैंक के एटीएम को टारगेट करने वाला गिरोह पकड़ा गया था।
वे दिल्ली से हवाई मार्ग से सूरत आते थे और एटीएम सेन्टरों पर बैंक ग्राहकों के कार्ड क्लोन कर उनके साथ ठगी करते थे। मेवाती गिरोह एटीएम से जुड़े फ्रॉड और चोरी के लिए देशभर में कुख्यात हैं। ये अपराधी अलग-अलग शहरों में जाकर एटीएम से जुड़े अपराधों को अंजाम देते है।

तकनीकी खामी का फायदा उठाते थे:
पुलिस के मुताबिक, वे तकनीकी खामी के चलते डी बोल्ट कंपनी की एटीएम मशीनों को निशाना बनाते थे। अंदर जाकर मशीन में कार्ड स्वाइप कर ट्रांजेक्शन करते थे। जैसे ही मशीन से रुपए बाहर आते वे नकली चाबी से मशीन का डिसप्ले खोल देते और डिसप्ले के पीछे मदरबोर्ड की स्वीच को ऑन-ऑफ कर देते। इससे सर्वर री-स्टार्ट मोड में चला जाता था। मशीन फिर से स्टार्ट हो जाती। ट्रांजेक्शन की कंप्लीट एन्ट्री नहीं होती थी। मशीन से निकले रुपए ले लेते थे और कस्टमर केयर में फोन करते थे कि मशीन बंद हो गई रुपए निकले ही नही। ऐसे में बैैंक रुपए रिफंड कर देती थी। वे छोटे-छोटे ट्रांजेक्शन करते थे, ताकि बैंकों को शक नहीं हो।
अनपढ़ सरगना, अन्य एटीएम भी खतरे में

पुलिस की माने तो साजिद सैयद इस गिरोह का सरगना है। वह पढ़ा लिखा नहीं है लेकिन एटीएम की तकनीकि बारिकियों से वाकिफ है। उसने अपने दो भाईयों व साथियों को एटीएम फ्रोड़ का तरीका सीखाया था। साजिद और उसके दो भाई फरार है। ऐसे में देश भर में केनरा बैंक के एटीएम सेन्टरों में लगी डी बोल्ड कंपनी मशीनें खतरे में है।
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