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Tocilizumab injection : नकली इंजेक्शन की आशंका में सोर्स की खोज में जुटी पुलिस, खाली वायल जब्त की

locationसूरतPublished: May 14, 2021 01:11:26 pm

Submitted by:

Dinesh M Trivedi

– टॉसिलीजुमैब इंजेक्शन की कालाबाजारी का मामला- मेडिकल स्टोर संचालक समेत दो गिरफ्तार, एक अन्य हिरासत मेंTwo arrested, including 3000 medical store operators, another in custody- Police in search of source in fake injection apprehension, seized empty violations

Tocilizumab injection : नकली इंजेक्शन की आशंका में सोर्स की खोज में जुटी पुलिस, खाली वायल जब्त की

Tocilizumab injection : नकली इंजेक्शन की आशंका में सोर्स की खोज में जुटी पुलिस, खाली वायल जब्त की

सूरत. कोरोना मरीजों के लिए जरुरी टॉसिलीजुमैब इंजेक्शन की कालाबाजारी करने के मामले की जांच में जुटी पुलिस ने एक मृतक के परिजनों से इंजेक्शन की खाली वायल जब्त की है। इस मामले में दो और आरोपियों को गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ शुरू कर दी है।
पुलिस के मुताबिक इस मामले में लाल दरवाजा सोहम रेजिडेंसी निवासी मंयक जरीवाला व परवत पाटिया सानिध्य रेजिडेंसी निवासी विजय कुंभाणी को गिरफ्तार किया गया है। सूरत जनरल मेडिकल स्टोर संचालक मंयक जरीवाला ने बिना प्रिस्कीप्सन के टॉसिलिजुमैब इंजेक्शन जीओ मैक्स अस्पताल के कर्मचारी व आरोपी व्रजेश को दिया था।
व्रजेश ने यह इंजेक्शन डॉ. हेतल के कहने पर उसके पिता रसिक को 85 हजार रुपए में दिया था। हेतल के साथ मिल कर रसिक इसे 2.70 लाख रुपए में बेचने का प्रयास कर रहा था। विजय भी कालाबाजारी का रैकेट चलाने की आरोपी ट्राई स्टार अस्पताल की डॉक्टर हेतल के साथ जुड़़ा हुआ था।
ट्राई स्टार अस्पताल में भर्ती पीपलोद के एक युवक के लिए हेतल ने ही उसके परिजनों को विजय से 2.30 लाख रुपए में टॉसिलीजुमैब इंजेक्शन दिलवाया था।
इसका इस्तेमाल करने के बाद भी युवक बच नहीं पाया था। युवक की मौत के बाद से हेतल उसके परिजनों से लगातार इंजेक्शन की खाली वायल की मांग कर रही थी। लाख कोशिश के बाद भी उसके परिजनों ने इंजेक्शन की खाली वायल हेतल को नहीं दी और पुलिस को खबर कर दी थी। इसी सूचना के आधार पर पुलिस ने जाल बिछाया था।
गौरतलब है कि पुलिस ने अमरोली श्री गणेश रेजिडेंसी निवासी रसिक कथीरीया, अठवागेट स्थित ट्रॉई अस्पताल में काम करने वाली उसकी डॉक्टर पुत्री हेतल कथीरीया व निजी अस्पताल के कर्मचारी व्रजेश मेहता को गिरफ्तार कर कालाबाजारी के इस नेटवर्क का भंडा फोड़ किया था।
ये सभी मिलकर इंजेक्शन की कालाबाजारी का नेटवर्क चला रहे थे। डॉ. हेतल मरीजों के प्रिस्क्रिफ्शन तैयार करती थी। जिनका उपयोग कर व्रजेश मेडिकल स्टोर संचालक की मदद से इंजेक्शन हासिल करता था। फिर वे जरुरतमंदों को 40 हजार रुपए का इंजेक्शन मुंह मांगे दामों पर बेचे थे।

नकली इंजेक्शन की दिशा में जांच


पुलिस ने बताया कि रिंगरोड पर प्रायोशा बॉटलिंग व वॉटर प्युरीफायर का काम करने वाले विजय ने प्राथमिक पूछताछ में बताया कि उसने जो टॉसिलीजुमैब इंजेक्शन मृतक के परिजनों को दिया था। वह उसने परवत पाटिया के अमृतम अस्पताल में ऑक्सीजन बॉटलिंग का काम करने वाले पंकज रामाणी से खरीदा था। सूत्रों का कहना है कि उमरा पुलिस ने पंकज रामाणी को हिरासत में लेकर उसका कोविड टेस्ट करवाया है। रिर्पोट आने पर उसे गिरफ्तार किया जाएगा। साथ ही पुलिस उससे यह पता लगाने का प्रयास कर रही हैं कि इंजेक्शन कहां से आया। इंजेक्शन कहीं नकली तो नहीं था।
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