हाइकोर्ट के आदेश के बाद भी प्रशासन नींद में!
अंबिका नदी में अवैध रूप से होते रेती खनन को रोकने के लिए तहसील के ग्रामीणों ने अंबिका नदी बचाओ समिति का गठन कर गुजरात हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें हाईकोर्ट ने समिति की दलीलों को मान्य रखते उनके पक्ष में फैसला सुनाया था, वहीं राज्य सरकार के संबंधित विभाग को नियमानुसार कार्रवाई करने का आदेश किया था। इसके बावजूद राज्य के खान-खनिज विभाग ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए। इसके कारण आज भी अंबिका में अवैध रूप से रेती खनन करने वालों के हौंसले बुलंद हैं। हालांकि शुक्रवार को प्रशासन ने पोंसरी में दबिश देकर रेती माफिया पर शिकंजा कसने का प्रयास किया।
अंबिका नदी में अवैध रूप से होते रेती खनन को रोकने के लिए तहसील के ग्रामीणों ने अंबिका नदी बचाओ समिति का गठन कर गुजरात हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें हाईकोर्ट ने समिति की दलीलों को मान्य रखते उनके पक्ष में फैसला सुनाया था, वहीं राज्य सरकार के संबंधित विभाग को नियमानुसार कार्रवाई करने का आदेश किया था। इसके बावजूद राज्य के खान-खनिज विभाग ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए। इसके कारण आज भी अंबिका में अवैध रूप से रेती खनन करने वालों के हौंसले बुलंद हैं। हालांकि शुक्रवार को प्रशासन ने पोंसरी में दबिश देकर रेती माफिया पर शिकंजा कसने का प्रयास किया।
क्षेत्र में एक भी लीज नहीं दी गई
इस क्षेत्र में खान खनिज विभाग या प्रशासन की ओर से रेती की एक भी लीज नहीं दी गई है। यहां पर कई दिनों से अवैध रूप से रेती खनन होने की शिकायत मिली थी। सूचना मिलने पर शुक्रवार को प्रशासनिक अधिकारियों व पुलिस के साथ मिलकर कार्रवाई की है। अवैध रेती निकालते लोगों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज होगी। कई नाव नदी के रास्ते भाग निकलीं, लेकिन हमने पीछा कर 8 नावों को पकड़ा है। जिन्हें धोलाई बंदरगाह पर ले जाया जाएगा।
आरबी भोगतया, प्रांत अधिकारी, चिखली
इस क्षेत्र में खान खनिज विभाग या प्रशासन की ओर से रेती की एक भी लीज नहीं दी गई है। यहां पर कई दिनों से अवैध रूप से रेती खनन होने की शिकायत मिली थी। सूचना मिलने पर शुक्रवार को प्रशासनिक अधिकारियों व पुलिस के साथ मिलकर कार्रवाई की है। अवैध रेती निकालते लोगों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज होगी। कई नाव नदी के रास्ते भाग निकलीं, लेकिन हमने पीछा कर 8 नावों को पकड़ा है। जिन्हें धोलाई बंदरगाह पर ले जाया जाएगा।
आरबी भोगतया, प्रांत अधिकारी, चिखली