सूत्रों के मुताबिक आईएएस अधिकारी के.राजेश के गिरफ्तारी के बाद सीबीआई की टीम गुरुवार शाम सूरत पहुंची। गुप्त रूप से सीबीआई की टीम ने गोराट रोड पर कोजवे के निकट मदीना सोसायटी निवासी कपड़ा कारोबारी रफीक मेमण के घर और सैयदपुरा क्षेत्र में स्थित जिंस कॉर्नर नाम की उसकी दुकान पर छापा मारा।
सीबीआई अधिकारियों ने करीब दो घंटे तक रफीक के घर और उसकी दुकान में तलाशी ली। वहां से के.राजेश के साथ लेनदेन से जुड़े कई कागजात व डिजिटल साक्ष्य जुटाए। रफीक मेमण को अपने साथ ले गई। आईएएस अधिकारी के.राजेश २०१५-१६ में सूरत में जिला विकास अधिकारी के पद पर थे।
उस दौरान रफीक उनके संपर्क में आया था। के. राजेश के साथ उसके घनिष्ठ संबंध बन गए थे। उसके बाद रफीक ने रिश्वत के लेनदेन के मामलों में मध्यस्थ की भूमिका निभानी शुरू कर दी थी। बताया जाता हैं कि सूरत में उसने जमीन से जुड़े कई मामलों में के.राजेश की ओर से रिश्वत लेकर जमीन दलालों और बिल्डरों के काम निकलवाए।
सूरत से स्थानान्तरित होने के बाद भी वह के.राजेश के लिए रिश्वत जुटाने का काम करता था। चर्चा यह भी हैं कि उसने कई लोगों को के. राजेश के जरिए हथियार लाईसेंस भी दिलवाए थे।
पड़ोसी और परिचित हैरान
सैयदपुरा और गोराट रोड पर रफीक मेमण के घर और दुकान के आसपास रहने वाले लोगों का कहना हैं कि रफीक मेमण वर्षो से कपड़े का कारोबार करते है। उनका कभी किसी से कोई विवाद नहीं रहा है। उन्हें इस तरह की कोई जानकारी नहीं थी कि वे सरकारी कामों के लिए रिश्वत लेकर लाइजनिंग का काम भी करते हैं। सीबीआई की कार्रवाई से वे हैरान हैं।
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