जामा मस्जिद में पैगंबर की पोशाक एवं बालों के दर्शन किए। मस्जिद में पैगंबर साहब के बाल आज भी रखे हैं। हर साल ईद मिलादुन्नबी के अवसर पर जायरीनों को इसकी जियारत (दर्शन) कराए जाते हैं। सवेरे जामा मस्जिद व किलवणी नाका मस्जिद में बड़ी संख्या में मुसलमान एकत्र हुए। मस्जिद से निकलते ही मुस्लिम समाज के लोग आपस में गले मिले और बधाई दी। इस मौके पर मस्जिदों में रातभर प्रार्थनाएं हुई तथा दिन में जुलूस निकाले गए। वापी रोड जामा मस्जिद, किलवणी नाका और बाविसा फलिया मस्जिद में ईदे-मिलादुन्नबी पर दोपहर की नमाज के समय अधिक भीड़ रही। नमाज अदा करके मुस्लिमों ने हिन्दुओं से गले लगकर कौमी एकता की मिसाल कायम की।
दमण. ईद पर शहर में जुलूस निकाला गया। जो दमण के विभिन्न विस्तारों से निकलकर वापस घाचीवाड़ में सम्पन्न हुआ। इस्लाम धर्म के संस्थापक पैगंबर मोहम्मद साहब के जन्मदिवस पर दमण नानी के अनेक विस्तारों से कई जुलूस बस स्टैंड पर एकत्र हुए। वहां से एक बड़े जुलूस के रूप में मुस्लिम समाज के लोग आगे बढ़े। जुलूस में अपने धार्मिक झंडे के साथ-साथ राष्ट्रीय ध्वज भी लहराते हुए आगे बढ़ रहे थे। उनके लिए मुस्लिम समाज के अनेक संगठनों ने नाश्ता, शरबत आदि की व्यवस्था की थी। सुरक्षा की दृष्टि से दमण पुलिस भी उनके साथ जुलूस सम्पन्न होने तक चलती रही।