लोगों ने मातारानी के साथ घरों की चारदीवारी में रहते हुए श्रीरामनवमी का पर्व भी दीप जलाकर मनाया। घर के मंदिर में स्वच्छ कपड़े पहन रामलला की प्रतिमा को हार-फूल से सुसज्जित कर अक्षत, चंदन, रोली, धूप, गंध आदि से षोडशोपचार पूजा की एवं पालने में झुलाया। शुभ मुहुर्त के दौरान भक्तों ने मीठी खीर व पांच प्रकार के फल-मूल को प्रसाद के रूप में तैयार करके भोग लगाया तथा प्रभू व हनुमानजी के गुणगान किए। पूजा में माता जानकी व लक्ष्मण को भी शामिल किए। कई भक्तों ने दिनभर उपवास रखकर रामलला की पूजा की। भक्तों ने कोरोना से बचाव के लिए भगवान श्रीराम से विशेष आराधना की।
रामनवमी का उत्सव रहा फीका दमण. रामनवमी के अवसर पर बुधवार को शहर के मंदिर सूने दिखाइ दिए। सार्वजनिक अवकाश के दिन लॉकडाउन की घोषणा से लोगों ने घरों में रहकर ही भगवान राम की पूजा-आराधना की। इस कारण मंदिर बाहर से बंद दिखाई दिए।