script2010 में वापी में ट्रेन का प्लेटफार्म बदलने के बाद ट्रेक पार करते हुए कटे थे छह जने | changing the platform of the train in Vapi in 2010, six people dead | Patrika News

2010 में वापी में ट्रेन का प्लेटफार्म बदलने के बाद ट्रेक पार करते हुए कटे थे छह जने

locationसूरतPublished: Oct 21, 2018 12:37:22 pm

Submitted by:

Sanjeev Kumar Singh

वापी में भी हो सकता है बड़ा हादसा
पटरी पार करने के प्रयास में 51 लोग गवां चुके हैं जान

surat

2010 में वापी में ट्रेन का प्लेटफार्म बदलने के बाद ट्रेक पार करते हुए कटे थे छह जने

वापी.

पंजाब के अमृतसर में ट्रेन से कटकर हुई दुर्घटना का पुनरावर्तन वापी में भी हो सकता है। यहां पुराने फाटक पर रोजाना हजारों लोग पैदल चलकर पटरी पार करते हैं। गत दिनों पटरी पार करते समय कई लोगों की जान जा चुकी है। शासन-प्रशासन यहां लोगों को फुटब्रिज या अंडरपास का विकल्प मुहैया नहीं करवा पाया है।
जानकारी के अनुसार रोजाना हजारों लोग पुराने फाटक से पटरी पार करते हैं। पटरी के पार दोनों तरफ फेरी वाले भी बैठते हैं। शाम को यहां से आने जाने वालों की संख्या अधिक रहने से फेरीवालों के पास खरीदारों की भीड़ उमड़ती है। इस दौरान होने वाले शोरगुल और शाम के अंधेरे में लोगों को कई बार ट्रेनों के आने का पता नहीं चलता है।
15 जनवरी 2016 की शाम को दमण से घूमकर आ रहे एक व्यक्ति की अपनी दो संतानों के साथ ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई थी। एक साल पहले ही डुंगरी फलिया निवासी दो महिलाओं की शाम के समय ट्रेन से कटकर मौत हो गई थी। यह लोग भी परिवार के साथ टाउन विस्तार में खरीदारी कर लौट रहे थे। लेकिन अंधेरा होने और शोरगुल के बीच पटरी पार करते समय यह हादसा हुआ था।
जीआरपी थाने में दर्ज आंकड़ों के अनुसार वापी रेंज में ही जुलाई 2018 तक 51 लोगों की ट्रेन दुर्घटना में मौत हो गई। इसमें से ज्यादातर की पटरी पार करते समय मौत हुई है। इस तरह की कोई भी घटना होने पर पटरी के दोनों तरफ से फेरी वाले गायब हो जाते हैं या हटा दिए जाते हैं। फेरीवालों के पास सामान सस्ता मिलने के कारण अक्सर भीड़ रहती है। त्योहारों में यहां भीड़ ज्यादा रहती है।
कई साल से लटका है प्रोजक्ट
पुराने फाटक से हजारों लोगों के पटरी पार करने से हमेशा दुर्घटना की आशंका के चलते यहां फुटब्रिज बनाने की मंजूरी वापी नगरपालिका ने रेलवे से मंागी थी। इसके लिए करीब दस साल पहले नपा ने एक करोड़, छह लाख रुपए रेलवे के पास जमा करवा दिए थे, लेकिन किसी न किसी कारण यह प्रोजेक्ट अटका रहा। गत वर्ष रेलवे की ओर से फुटब्रिज के प्रोजेक्ट की जगह पैदल सब-वे पर सहमति बनी। हालांकि आज तक इस पर भी कोई कार्य आगे नहीं बढ़ पाया है। इस कारण लोगों को मजबूरी में पटरी पार करना पड़ता है।
2010 में हुआ था बड़ा हादसा
वापी में ट्रेन से अब तक का बड़ा हादसा 11 जनवरी 2010 को हुआ था। शाम को बांद्रा-पटना ट्रेन का यात्री प्लेटफार्म नंबर एक पर इंतजार कर रहे थे। स्टेशन पर पहुंचने से कुछ मिनट पहले ही ट्रेन के प्लेटफार्म नंबर तीन पर आने की घोषणा कर दी गई। इससे हड़बड़ाए लोग पटरी पार कर तीन नंबर प्लेटफार्म पर जाने लगे। इस दौरान अहमदाबाद से मुंबई की ओर जा रही मालगाड़ी की चपेट में कई लोग आ गए। हादसे में छह लोगों की मौत हो गई थी और छह लोग घायल हुए थे।
नगर पालिका में होगी चर्चा
पुराने फाटक के पास पूर्व से पश्चिम क्षेत्र में जाने के लिए हजारों लोग पटरी पार करते हैं। इसे देखते हुए यहां पहले फुटब्रिज बनाने की योजना थी। रेलवे से अब यहां पेडेस्ट्रीयन सब-वे बनाने की मंजूरी मिली है। सर्वे हो चुका है। इस नपा की सामान्य सभा में सब-वे के नक्शे व अन्य जानकारी पर विस्तृत चर्चा को एजेन्डे में शामिल किया गया है। उम्मीद है कि जल्द ही यह सब-वे तैयार होगा। इससे लोगों को सुरक्षित दूसरी तरफ जाने की सुविधा मिलेगी।
विट्ठल पटेल, नपा उपाध्यक्ष
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो