लॉकडाउन में पटरी से उतरी अर्थव्यवस्था को फिर से सुचारु बनाने के लिए केंद्र व राज्य सरकारें प्रयासरत है और इन हालात में कपड़ा व्यापारियों को बगैर मॉर्गेज व गारंटी के लोन उपलब्ध कराए जाने की मांग व्यापार प्रगति संघ ने की है। विज्ञप्ति में वीपीएस ने बताया कि सूरत की कपड़ा मंडी में हजारों की संख्या में ट्रेडर्स है जो नकद में खरीदी कर उधार में माल बेचते हैं। इन व्यापारियों की सालाना बिक्री एक करोड़ से सौ करोड़ तक होती है व पूंजी का निवेश 10 लाख से 10 करोड़ तक रहता है। ऐसे सभी व्यापारियों को सरकार एमएसएमई में शामिल कर बगैर मॉर्गेज व गारंटी के लोन उपलब्ध करवाए।