climate change की घुसपैठ हमारी जिंदगी में और आसपास इस तरह बढ़ गई है कि अब दुनिया में कहीं भी जरा सी हलचल हो तो संवेदना के सारे तंत्र सक्रिय हो जाते हैं। सूरज का बढ़ा हुआ ताप हमारी संवेदनाओं के मानवीय पक्ष को कमजोर कर रहे हैं। वातावरण में लगातार बढ़ रही गर्मी हमारे मिजाज की गर्मी भी बढ़ा रही है। इसका सबसे ज्यादा असर मासूम बच्चों में दिख रहा है। बच्चों में चिड़चिड़ापन बढ़ गया है। स्कूल हों या खेल का मैदान बच्चे जरा सी बात पर दोस्ती को ताक पर रखकर झगडऩे को तैयार दिखते हैं। मिजाज के हर समय गर्म रहने के कारण बच्चों की याददाश्त भी कमजोर होती जा रही है। कक्षा में पढ़ाए सबक लंबे समय तक याद नहीं रह रहे। इसकी वजह से रैंक में पिछडऩे पर बच्चों का स्वभाव और उग्र हो रहा है।
यह असर बच्चों तक ही सीमित नहीं है। युवा भी जरा सी बात पर आपा खो रहे हैं। कार्यस्थल हो या घर, जरा सी बात के बिगड़ते देर नहीं लग रही। गर्म हो रहे मौसम की गर्मी संबंधों की गर्माहट को खत्म कर रही है। बिगड़े मिजाज के कारण दोनों ही ओर से संबंधों की ऊष्मा को बचाए रखने की गुंजाइश लगातार खत्म हो रही है। दांपत्य जीवन में तकरार बढऩे की यह बड़ी वजह बताई जा रही है। अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य जर्नलों में छपी रिपोर्ट भी इसकी तस्दीक कर रही हैं।
काउंसलिंग से संभल सकती है स्थिति जानकार मानते हैं कि समय रहते काउंसलिंग कर इस स्थिति से बचा जा सकता है। बच्चों में चिड़चिड़ापन बढ़ रहा है तो तुरंत किसी काउंसलर से संपर्क करना चाहिए। नौकरी और कारोबार में अपनी मौजूदगी को बचाए रखने और संबंधों को बिगडऩे से रोकने के लिए भी लोगों को काउंसलर से सलाह लेनी चाहिए। उनका मानना है कि यदि समय रहते अभी न सम्भले तो आने वाले दिनों में मुश्किलें और बढ़ेंगी।
टैरेस गार्डन हो सकते हैं बेहतर विकल्प यह सच है कि ग्लोबल वार्मिंग व्यक्ति के मन पर असर डाल रही है। इससे बचने के लिए टैरेस गार्डन बेहतर विकल्प हो सकते हैं। परिवार का हर सदस्य अपने हिस्से के पौधों को रोपे ही नहीं उनकी देखभाल भी करे। इससे मन शांत होगा और सकारात्मक विचार आएंगे।
कमलेश याग्निक, सिटी रेजिलियंस ऑफिसर, सूरत
सीमित हो इंटरनेट और मोबाइल का इस्तेमाल क्लाइमेट चेंज एक बड़ी वजह है, लेकिन उससे बड़ी वजह इंटरनेट और मोबाइल का अधिक इस्तेमाल है। जब हम इंटरनेट और मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं तो मेग्नेटिक पॉवर जो इनविजिबल है मस्तिष्क समेत हमारे पूरे नाड़ी तंत्र को प्रभावित करती है। इसका संयमित इस्तेमाल होना चाहिए।
दीपक राजगुरु, शिक्षाविद, सूरत
हाइपर एक्टिव बच्चों पर पड़ता है असर बढ़ रही गर्मी सीधे तौर पर तो नहीं लेकिन जो बच्चे हाइपर एक्टिव होते हैं उन पर जरूर परोक्ष रूप से असर डालती है। इस सीजन में उनका मूवमेंट कम हो जाता है, जिससे दिक्कत होती है। इससे बचने के लिए जरूरी है कि किसी न किसी एक्टिविटी में उन्हें इन्वाल्व किया जाए।
डॉ. भावना राजा, क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट, सूरत