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संघ प्रदेश में निकले ताजिए

locationसूरतPublished: Sep 21, 2018 07:35:45 pm

Submitted by:

Sunil Mishra

शिया और सुन्नी समुदाय ने निकाले अलग-अलग ताजिएताजिया दर्शनों के लिए भारी हुजूम उमड़ा

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संघ प्रदेश में निकले ताजिए


सिलवासा. शहर में शुक्रवार को सुन्नी एवं शिया समुदाय ने अलग-अलग ताजिया जुलूस निकाला। शिया समुदाय के ताजिए दोपहर बाद बाविसा फलिया से रवाना हुए। ताजिया दर्शनों के लिए भारी हुजूम उमड़ा। किलवणी नाका, तहसीलदार, वापी रोड़ पर मन्नत मांगने वालों की भीड़ लग गई। शिया समुदाय के युवकों ने जुलूस के दौरान कटार एवं चाकू से कई करतब दिखाए। शिया और सुन्नी ताजिया आगे पीछे शांतिपूर्ण माहौल में निकले। जुलूस के दौरान जायरीनों के लिए जगह-जगह ठंडापेय, लस्सी, शर्बत की व्यवस्था की गई। जुलूस के दौरान हिन्दू मुस्लिम सौहार्द का माहौल देखा गया।
मकबरे के आकार का सुन्नी ताजिया किलवणी नाका पहुंचते ही जुलूस बड़े कारवां में बदल गया। ताजिया जुलूस में इमाम हुसैन को कमल से निकलते हुए दिखाया गया। जब तक सूरज चांद रहेगा, हुसैन तेरा नाम रहेगा, हुसैन तुझे सलाम, रब की यही मर्जी, हे मेरे प्यारे हुसैन आदि नारे गूंजते रहे। जुलूस के दौरान ताजियों से मन्नत मांगने के लिए बड़ी संख्या हिन्दू भी पहुंचे। किलवणी नाका से ताजिया जुलूस पुराना तहसीलदार कार्यालय, नरोली चार रास्ता, पुलिस थाना, वापी रोड होते हुए जामा मस्जिद पहुंचा। मस्जिद पर ताजियों से मन्नत मांगने के लिए लोगों की भीड़ और बढ़ गई। यहां मौलाना ने इमाम हुसैन के बारे में जानकारी दी।
दादरा के पास डुंगरा में ताजियों का बड़ा जुलूस निकला। यहां मन्नत मांगने हिन्दू धर्मप्रेमी भी पहुंचे। जुलूस के कारण वापी रोड पर भारी भीड़ देखी गई। मोहर्रम पर मुस्लिम व्यापारी व कारोबार ने दुकानें व व्यवसाय बंद रखा।
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हिन्दू परिवारों ने भी मन्नते मांगी
दमण. मोहर्रम पर दमण के खारावाड़ और घाचीवाड़ सहित अन्य मुस्लिम विस्तारों में ताजिया बनाए गए। घाचीवाड़ में बनाए ताजिया में बुराक(परी) बैठाई जाती है, जिसकी पूजा के लिए हिन्दू परिवार भी पहुंचते हैं। ताजिया का दर्शन करने आई तानवी टंडेल ने बताया कि वर्षों से यह परम्परा बनी हुई है। हमारे परिवार के वरिष्ठ सदस्य भी यहां आते थे और पूजा करते और नारियल चढ़ाते थे। साथ ही ताजिए के चारों और घूमकर मन्नत मांगते थे। यह परम्परा आज भी चली आ रही है। ताजिया संचालकों ने बताया कि यहां हिन्दू भी आते हैं और मन्नत मांगते हैं। यह सामाजिक सौहार्द का वातावरण वर्षों से कायम है। खारवाड़ में तिरंगा में एक ताजिया बनाया गया। ताजिया संचालक आयुल ने बताया कि देशप्रेम को आगे रखकर ताजिया का रंग दिया गया है। शाम को सभी छोटे-बड़े ताजिया घाचीवाड़ मस्जिद के निकट एकत्र हुए। घांचीवाड़ से जैन स्ट्रीट होकर कंसारवाड़ से पुलिस स्टेशन चार रास्ता से तीन बत्ती होकर ज्युपीटर पहुंचे, जहां समुद्र में ताजियों को ठंडा किया गया।

पुुलिस की रही व्यवस्था
ताजिया और गणपति उत्सव को लेकर पुलिस ने यातायात व्यवस्था सुचारू की। ताजिया के विस्तारों में पुलिस व्यवस्था रखी गई।

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