फरियादी मंथन शाह निवासी मणिभद्र रो हाउस चला ने व्यापार में मंदी के कारण परेशान था। यह देखकर पहले से परिचित अशोक जगदीश गुप्ता ने उसे मदद की पेशकश की। जिसके बाद सितंबर 2018 में अशोक जगदीश गुप्ता से मंथन ने 31 लाख रुपए लिए। मंथन के अनुसार यह रुपए देने के कुछ देर बाद ही रुपए की जरुरत बताकर अशोक ने उसमें से सात लाख रुपए ले लिये और दो दिन वापस देने को कहा। लेकिन किसी न किसी बहाने उसने एक महीने तक यह रुपए नहीं दिए। मंथन ने फिर से इसके लिए फोन किया तो अशोक ने कहा कि यह सात लाख दिए गए रुपए का एडवांस ब्याज है।
मंथन को मदद के बहाने ब्याज के चंगुल में फंसाने की नीयत का पता चलने पर उसने अशोक से कुछ दिन में पूरी मूल रकम देने को कहा। लेकिन मोहलत देने से मना कर अशोक ने उससे तत्काल दस लाख रुपए देने को कहा। जब मंथन ने रुपए न होने की मजबूरी बताई तो अशोक ने रोजाना दस हजार रुपए देने का दबाव बनाया। मंथन का आरोप है कि उससे नवंबर 2018 तक रोजाना दस हजार रुपए जबरन वसूला गया। इसके कुछ दिन बाद अशोक और उसके भाई संतोष ने उसके घर जाकर उसकी पत्नी उर्वी को डरा धमकाकर उसकी 15 लाख की कार भी हड़प ली और उसके कागजात भी ले लिया।
आरोप है कि उससे दस लाख का चेक भी जबरन लिखवा लिया गया। मंथन के अनुसार इसी तरह बीच-बीच में दबाव बनाकर अशोक और संतोष ने उसे और पत्नी को डरा धमकाकर घर और दूसरी कार भी हडप ली। इस मामले की कुछ माह पहले जब मंथन शिकायत करने एसपी कार्यालय जा रहा था तो अशोक, संतोष और उसके ड्राइवर विकास ने हाइवे पर रोकर पति पत्नी की पिटाई कर धमकी दी।
आरोप है कि उससे दस लाख का चेक भी जबरन लिखवा लिया गया। मंथन के अनुसार इसी तरह बीच-बीच में दबाव बनाकर अशोक और संतोष ने उसे और पत्नी को डरा धमकाकर घर और दूसरी कार भी हडप ली। इस मामले की कुछ माह पहले जब मंथन शिकायत करने एसपी कार्यालय जा रहा था तो अशोक, संतोष और उसके ड्राइवर विकास ने हाइवे पर रोकर पति पत्नी की पिटाई कर धमकी दी।
आखिरकार बाद में इसकी शिकायत मंथन ने रेंज आइजी से की। जिसके बाद टाउन थाने में इसकी रिपोर्ट दर्ज की गई। फरियादी ने आरोपियों पर कई संगीन आरोप भी लगाए हैं। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व भी ब्याजखोरों ने मजबूर लोगों की संपत्ति पर जबरन कब्जा या अपने नाम करवाने के मामले सामने आ चुके हैं। चर्चा है कि कई बड़े नाम भी बिना लाइसन्स के ऊंचे दर पर जरुरतमंदों को रुपए देकर मोटा ब्याज वसूल रहे हैं। दी गई मूल रकम का कई गुना वसूलने के बाद भी यह क्रम चल रहा है।