कांग्रेस ने किसानों का कर्ज माफ करने और राज्य सरकार पर लोकतंत्र विरोधी होने का आरोप लगाया है। पार्टी कार्यकर्ता पूर्व प्रदेश प्रमुख अर्जुन मोढवडिया व शहर कांग्रेस प्रमुख बाबू रायका के नेतृत्व में सुबह 11 बजे गांधी प्रतिमा के समक्ष एकत्र हुए। किसानों की दुर्दशा के लिए केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों को जिम्मेदार बताते हुए सरकार को संवेदनशील होने की सीख दी।
वक्ताओं ने संबोधन में केंद्र व राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कृषि विरोधी नीतियों के कारण किसान आत्महत्या कर रहे हैं। उन्हें फसल का वाजिब दाम नहीं मिल रहा है। बीज और कृषि यंत्रों व खेती-किसानी से जुड़ी चीजों पर कर की मार किसान की कमर तोड़ रही है। सरकार ने खाद को भी उनकी पहुंच से दूर कर दिया है। डीजल के दामों में लगातार वृद्धि हो रही है, जिसका असर सिंचाई व जुताई पर भी पड़ रहा है।
धरने पर बैठे कार्यकर्ताओं ने किसानों का कर्ज माफ कर आत्महत्या से बचाने की मांग की। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया गया है कि अपने अधिकारों के लिए प्रदर्शन करने वालों के अधिकारों का लगातार हनन किया जा रहा है। साथ ही राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं के निजीकरण का आरोप भी लगाया गया है।
धरने पर बैठने वालों में पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. तुषार चौधरी, मांडवी विधायक आनंद चौधरी, मनपा में नेता विपक्ष प्रफुल्ल तोगडिय़ा, पूर्व शहर कांग्रेस प्रमुख हंसमुख देसाई, पार्षद असलम साइकिलवाला समेत कांग्रेस के अन्य पदाधिकारी व कार्यकर्ता शामिल रहे।