प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन साल पहले 8 नवंबर को नोटबंदी कर पांच सौ और हजार रुपए के नोट चलन से बाहर कर दिए थे। उस वक्त कांगे्रस समेत समूचे विपक्ष ने इस कदम का विरोध किया था। तीन साल बाद एक बार फिर कांग्रेस ने नोटबंदी को लेकर लोगों के बीच जाने का निर्णय किया है। इसके तहत 5 से 15 नवंबर के बीच कांग्रेस के अर्थ विशेषज्ञों की टीम अलग-अलग शहरों में जाकर लोगों को नोटबंदी से हुए नुकसान की जानकारी दे रही है।
आर्थिक जानकारों के मुताबिक नोटबंदी और उसके बाद जीएसटी से देशभर में सबसे ज्यादा असर कारोबारी नगरी सूरत पर पड़ा था। ऐसे में कांग्रेस ने इस अभियान में सूरत को भी शामिल किया है। गौरतलब है कि गुजरात विधानसभा चुनावों के समय राहुल गांधी ने सबसे ज्यादा फोकस सूरत पर रखा था। राहुल यहां दो बार आए थे और हर बार कपड़ा तथा हीरा कारोबारियों के साथ बातचीत की थी। उन्होंने संजीवकुमार ऑडिटोरियम में कारोबारी लोगों के साथ ओपन फोरम में संवाद भी किया था। अब कांग्रेस की टीम सूरत समेत देशभर में लोगों को नोटबंदी और जीएसटी से हुए नुकसान और नौकरियों के जाने पर बात करेगी।