bribe : तापी जिले में अवैध खनन को लेकर कांस्टेबल ने मांगी थी रिश्वत
एसीबी की ट्रेप असफल होने के दो साल बाद मामला दर्ज
Case filed after ACB trap failure in vyara two year ago

सूरत. तापी नदी में अवैध खनन को लेकर हजारों रुपए की रिश्वत मांगने वाले कांस्टेबल को रंगे हाथों पकडऩे में विफल रहने के दो साल बाद भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने उसके खिलाफ डिमांड केस दर्ज कर जांच शुरू की है।
ब्यूरो सूत्रों के मुताबिक, तापी जिले की स्थानीय अपराध शाखा (एलसीबी) में तैनात कांस्टेबल अनिल डंभेलकर ने अवैध खनन करने वाले लोगों से 27 जून 2018 से 29 जून 2018 के दौरान रिश्वत मांगी थी। अनिल ने उनसे प्रति ट्रक दो हजार रुपए के हिसाब से पांच ट्रकों के दस हजार रुपए व एक अन्य व्यक्ति से पन्द्रह हजार रुपए रिश्वत में मांगे थे।
रुपए नहीं देने पर उनकी ट्रकें जब्त कर कार्रवाई करने की धमकी दी थी। रिश्वत देने पर उन्हें किसी भी तरह से परेशान नहीं करने की बात कही थी। इस बारे में पीडि़त से शिकायत मिलने पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने उसे रंगे हाथों पकडऩे के लिए 29 जून को जाल बिछाया था, लेकिन कांस्टेबल अनिल को शायद इस बात की भनक लग गई, इसलिए उसने रिश्वत में मांगी गई राशि स्वीकार नहीं की।
रंगो हाथों पकडऩे का प्रयास विफल होने पर ब्यूरो ने कॉल रिकॉर्डिंग समेत उपलब्ध साक्ष्य जांच के लिए भेजे जिनके आधार पर ब्यूरोकर्मियो ंने मंगलवार को मामला दर्ज किया है।
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