वीएनएसजीयू में शनिवार को सिंडीकेट की बैठक आयोजित हुई थी। इसमें महाविद्यालयों की मान्यता के मुद्दे मुख्य एजेंडे में शामिल थे। इसके साथ विश्वविद्यालय परिसर में हिन्दी विभाग निर्माण का मुद्दा भी मुख्य एजेंडे में था। पिछले लंबे समय से विश्वविद्यालय परिसर में हिन्दी विभाग शुरू करने की मांग हो रही है। राजस्थान पत्रिका ने हिन्दी विभाग के लिए अभियान चलाया था। इसका असर यह हुआ कि केन्द्र सरकार, मानव संसाधन विकास मंत्रालय और यूजीसी ने वीएनएसजीयू को हिन्दी विभाग मंजूर कर दिया। इसके बाद राज्य सरकार की उदासीनता के चलते विभाग का काम रुक गया।
फिर वापस राजस्थान पत्रिका की ओर से अभियान चलाकर राज्य सरकार को जगाने का प्रयास किया गया। असर यह हुआ कि राज्य सरकार ने हिन्दी विभाग शुरू करने के प्रयास शुरू किए। इस विभाग को शुरू करने का एक और पड़ाव शनिवार को पार हुआ है। सिंडीकेट की बैठक में हिन्दी विभाग का भवन निर्माण करने का एजेंडा प्रस्तुत किया गया। सिंडीकेट सदस्यों ने इस प्रस्ताव को मंजूर कर दिया है। इसके साथ संस्कृत विभाग का भी निर्माण होगा।
– राज्य सरकार ने 6 करोड़ की ग्रान्ट की मंजूर
वीएनएसजीयू परिसर में हिंदी और संस्कृत विषय का अनुस्नातक पाठ्यक्रम नहीं होने से हिंदी और संस्कृत के विद्यार्थियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कई साल से हिंदी और संस्कृत विभाग शुरू करने के लिए कवायद चल रही है, लेकिन ग्रांट नहीं मिलने के कारण मामला आगे बढ़ नहीं रहा था।
आखिर दिसम्बर 2019 में राज्य सरकार ने अहम निर्णय किया तथा वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय में हिंदी और संस्कृत विभाग शुरू करने के लिए छह करोड़ रुपए की ग्रांट मंजूर की। इस ग्रांट से हिंदी और संस्कृत विभाग के लिए आधुनिक भवन तथा शिक्षा साहित्य की खरीदारी की जाएगी। राज्य सरकार की इस ग्रान्ट के प्रस्ताव को उपयोग में लाने के लिए शनिवार की सिंडीकेट बैठक में सदस्यों ने प्रस्ताव मंजूर किया।
– राजस्थान पत्रिका का अभियान ला रहा है रंग
वीएनएसजीयू दक्षिण गुजरात के विद्यार्थियों के लिए शिक्षा का बड़ा केंद्र होने के बावजूद यहां राजभाषा हिंदी का उपहास हो रहा था। हिंदी के सम्मान के लिए राजस्थान पत्रिका आगे आई और अभियान के जरिए वीएनएसजीयू में हिंदी विभाग की जरुरतों पर अभियान चलाया गया। राजस्थान पत्रिका का हिन्दी विभाग शुरू करने का अभियान धीरे-धीरे रंग ला रहा है। हिन्दी विभाग को शुरू करने के लिए जो-जो पड़ाव बीच में आ रहे थे वे सारे पड़ाव अब पार होने लगे हैं। अब वो दिन दूर नहीं जब वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय में हिन्दी विभाग शुरू होगा। हिन्दी विभाग शुरू होने से दक्षिण गुजरात के विद्यार्थियों को बड़ा लाभ होगा।