गुजरात सरकार प्रति विधायक उनके क्षेत्र में विकास कार्यों को करने के लिए वर्ष में 1 करोड़ रुपए आवंटित करती है, जबकि भारत सरकार भी प्रति सांसद 5 करोड़ रुपए विकास कार्यों के लिए आवंटित करती है। इस अनुदान से विधायक व सांसद अपने अपने क्षेत्र में जरूरी विकास कार्यों करवाते हैं। जिसमें शहर व ग्राम्य क्षेत्रों में विकास कार्य अंतर्गत विधायकों व सांसद के नाम के साथ लोगों के बैठने के लिए सीमेन्ट की बेंच भी दी जाती है। नवसारी शहर में विधायक पीयूष देसाई और नवसारी के सांसद सीआर पाटील के नाम व अनुदान से शहर के सभी वार्ड में सीमेन्ट की बेंच दी जा रही है। लेकिन कांग्रेसी पार्षदों के इलाकों में भी भाजपाई पार्षद या आगेवान या कार्यकर्ता के द्वारा सीमेन्ट की बेंच रखवाई जा रही है। इससे नाराज नवसारी के वार्ड संख्या 11 के कांग्रेसी पार्षद कीर्ति देसाई ने पालिका सीओ डीएन गोहिल को लिखित शिकायत कर सीमेन्ट की बेंचों का हिसाब मांगा है। पार्षद देसाई ने कहा कि सांसद या विधायक के अनुदान से मंजूर हुई सीमेन्ट की बेंच जनता की सुविधा के लिए है। इसलिए पालिका को यह देखना चाहिए कि सीमेन्ट की बेंचें वार्ड अनुसार पार्षद ही वितरित करें। शासक पक्ष के कार्यकर्ताओं की अरजी स्वीकारना दूसरी बात है, लेकिन इससे किसी एक ही पक्ष के द्वारा बेंचें रखवाई जा रही होने का संदेश जा रहा है। वहीं उन्हें लोक प्रतिनिधि चुनकर आए 4 वर्ष हो गए हैं, लेकिन उनके क्षेत्र में पक्ष विशेष के कार्यकर्ताओं के द्वारा ही विधायक व सांसद के अनुदान से आई सीमेन्ट की बेंचें रखी जाती हंै। उसमें भी जो कार्यकर्ता तय करें उसी क्षेत्र में बेंच रखी जाती है, किसी ने तो निजी संपत्ति मान उसे अपने टेरेस पर भी रखवाए हैं। कांग्रेस के समय में सीमेन्ट की बेंच पर सिर्फ नाम व अनुदान का वर्ष लिखा जाता था, लेकिन अभी तो पक्ष का नाम व उसका चिन्ह भी बेंच पर होता है। हाल चुनाव करीब हैं औऱ शहर में इस प्रकार अनुदानित बेंच रखी जा रही हैं, वो पालिका पार्षदों के द्वारा ही रखी जाए, जिससे किसी पक्ष विशेष को फायदा न मिले।