आपत्तिजनक शब्दों के इस्तेमाल के कारण शुक्रवार को हुई सामान्य सभा खासी हंगामेदार रही। चर्चा के दौरान पार्षद भूपेंद्र सोलंकी ने मनपा प्रतिनिधिमंडल के विदेश दौरे का सवाल उठाया। इस दौरे में महापौर जगदीश पटेल के साथ ही उपमहापौर नीरव शाह का नाम भी शामिल है। भूपेंद्र ने उपमहापौर के लिए अभद्र शब्द का इस्तेमाल करते हुए सत्तापक्ष से अन्य पार्षदों को भी दौरे पर साथ ले जाने की सलाह दी। महापौर ने इस पर ऐतराज जताते हुए अभद्र शब्द वापस लेने की मांग की, जिससे सोलंकी ने इनकार कर दिया। इस पर व्यवस्था देते हुए महापौर ने भूपेंद्र सोलंकी को शेष सभा के लिए निलंबित कर दिया।
इसी बीच कांग्रेस पार्षद शैलेष रायका ने भाजपा के एक पार्षद पर गाली देने का आरोप लगाते हुए उसे भी निलंबित करने की मांग की। महापौर ने दोनों मामलों को अलग-अलग बताते हुए कहा कि भूपेंद्र सोलंकी ने माइक पर अभद्र शब्दों का इस्तेमाल किया था, जबकि आरोपी पार्षद ने किसको क्या कहा, यह अन्य लोगों ने नहीं सुना है। रायका ने महापौर पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए सभा से बहिष्कार कर दिया।
डिजिटल पेमेंट पर भी मिले राहत पूर्व उपमहापौर शंकर चेवली ने वेरा बिल भुगतान का मुद्दा उठाते हुए कहा कि डिजिटल पेमेंट करने वाले करदाताओं को राहत दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि समय पूर्व वेरा बिल का भुगतान करने वाले करदाताओं को मनपा प्रशासन वेरा बिल में दस फीसदी राहत देता है। इसी तरह वेरा बिल का डिजिटल पेमेंट करने वाले करदाताओं को भी भुगतान में विशेष राहत दी जानी चाहिए। इससे डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा मिलेगा। चर्चा में भाग लेते हुए भावेश रबारी ने कहा कि शहर में करीब ९० फीसदी लोग समय पर वेरा का भुगतान कर देते हैं। जो लोग देरी से भुगतान करते हैं, उन्हें मनपा की ओर से सहूलियतें दी जाती हैं, जिसे बंद करने की जरूरत है।