इससे पहले दिसम्बर-जनवरी में ऐसा माना जा रहा था कि कोरोना पर नियंत्रण पाने में प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग सफल हो गया है। लेकिन फिर लोग लापरवाह होते चले गए। मास्क का इस्तेमाल और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों में पालन में कोताही बरती जाने लगी। अंजाम यह हुआ कि मार्च माह के दूसरे सप्ताह में कोरोना संक्रमण तेजी से वृद्धि करने लगा और माह के बीतते-बीतते वटवृक्ष की भांति विकराल रूप धारण कर लिया। पिछले एक माह में एक्टिव मरीजों की संख्या 140 पार कर गई है। गुजरात और माहाराष्ट्र की सीमाओं से घिरे छोटे से दादरा नगर हवेली में पड़ौसी राज्यों से कोरोना विकराल होता दिख रहा है।
टीकाकरण आपके द्वार कोविड-19 की महामारी से बचने के लिए वैक्सीन ही कारगर उपाय है। वैक्सीनेशन शुरू होते ही लोग अपने घर व सोसायटियों में शिविर लगाकर जल्दी सुरक्षित होना चाहते हैं। स्वास्थ्य विभाग ने सोसायटियों में टीकाकरण के लिए अलग से टीम गठित कर दी है। यह टीम वैक्सीन डोज देने के बाद नियम और बरती जाने वाली सावधानियों से भी अवगत करा रहे हैं। सोसायटियों में शिविर लगने से फस्र्ट डोज ले चुके लोगों को दूसरी डोज भी समय पर मिल जाती है।
कोविशील्ड के साथ टेबलेट
जिले में लोगों को कोविशील्ड वैक्सीन का टीका लगाकर साथ में पैरासिटामॉल की दो टेबलेट दी जाती हैं। डॉक्टरों का कहना है कि कोविशील्ड वैक्सीन के बाद बुखार, मिचली, बदन दर्द, सिर दर्द, थकान जैसी शिकायते मिल रही हैं। इनका निदान के लिए पैरासिटामॉल की टिकिया दी जाती हैं। कई लोग ऐसे भी हैं इनसे बचने के लिए दूसरे शहरों के प्राइवेट अस्पतालों में कोवैक्सीन का टीका लगवा रहे हैं। मालूम हो कि दानह में सिर्फ कोविशील्ड वैक्सीन ही उपलब्ध हैं।