शिक्षकों ने ग्राम्य विस्तारों में विद्यार्थियों को एकत्रित कर कक्षा लेना शुरू किया है। कच्चे और मिट्टी के घरों के आंगन में विद्यार्थियों को शिक्षक पढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं।
सूरत जिला प्राथमिक शिक्षा संघ प्रमुख किरीट पटेल का कहना है कि कोरोना संक्रमण के कारण स्कूल कब शुरू हो पाएंगे, यह निश्चित नहीं हो पा रहा है। ऐसे मैं ग्रामीण इलाकों में बच्चे कब तक यूं ही बैठे रहेंगे। इसलिए विद्यार्थियों का भविष्य ना बिगड़े तो उन्हें घर जाकर पढ़ाया जा रहा है।
आज भी कई लोग बिना मास्क के नजर आ जाते है, लेकिन गांवों में विद्यार्थी मास्क कक्षा में बैठे दिखाई दे रहे हैं। इसके साथ ही शिक्षक उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बैठा रहे हैं। पढ़ाई के साथ-साथ कोरोना से बचने के लिए जागरूक भी कर रहे हैं। यह भी एक पाठ्यक्रम की तरह शामिल हो गया है।