scriptग्रामीण शिक्षा को भी कोरोना संक्रमण, इलाज जारी है.. | corona effected to rural education | Patrika News

ग्रामीण शिक्षा को भी कोरोना संक्रमण, इलाज जारी है..

locationसूरतPublished: Apr 30, 2021 10:11:34 pm

– फिर से गांवों के आंगन तक शिक्षा पहुंचाने के प्रयास
– आर्थिक संकट और इंटरनेट नेटवर्क के अभाव में विद्यार्थी हो रहे हैं पढ़ाई से दूर – जिला शिक्षा विभाग गांवों में भेज रहा है शिक्षक, लगा रहे कक्षाएं
 

ग्रामीण शिक्षा को भी कोरोना संक्रमण, इलाज जारी है..

ग्रामीण शिक्षा को भी कोरोना संक्रमण, इलाज जारी है..

सूरत.

शिक्षा क्षेत्र पर कोरोना का गहरा असर हुआ है। मार्च 2020 से स्कूल शुरू नहीं हो पाए हैं। शहरी विस्तार के विद्यार्थी तो ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं, लेकिन ग्रामीण इलाके के विद्यार्थी पढ़ाई से दूर होते जा रहे हैं। ऐसे में सूरत जिला प्राथमिक सरकारी शिक्षा विभाग ने ग्राम्य विस्तारों में जाकर विद्यार्थियों को शिक्षा देने का नया प्रयास किया है। आर्थिक तंगी और कमजोर नेटवर्क के कारण कई विद्यार्थी ऑनलाइन शिक्षा से वंचित हैं। इसलिए अब जिला शिक्षा विभाग के प्रयासों से कई शिक्षक सूरत ग्राम्य विस्तार में विद्यार्थियों को एकत्रित कर कक्षाएं लेने लगे हैं।
गौरतलब है कि मार्च 2020 में लॉकडाउन के बाद से ही स्कूल खुल नहीं पाए। कुछ माह तो पढ़ाई ठप रही। बाद में शहरी क्षेत्र और निजी स्कूल के विद्यार्थी तो ऑनलाइन कक्षा के माध्यम से सालभर पढ़ते रहे और परीक्षा भी दी, लेकिन कोरोना के कारण सबसे ज्यादा प्रभावित ग्राम्य विस्तार के विद्यार्थी हुए हैं।
– सभी तरह की सुविधाओं से वंचित :

इंटरनेट, नेटवर्क, आधुनिक उपकरण, टीवी, मोबाइल, लैपटॉप के अभाव में ग्राम्य विस्तार के विद्यार्थियों का साल खराब होने लगा। विद्यार्थियों का पढ़ाई से मन ना भटक जाए और उनका भविष्य खराब ना हो इसलिए सूरत जिला प्राथमिक सरकारी शिक्षा विभाग ने अब कई ग्राम्य विस्तारों में शिक्षकों को भेजना शुरू किया है।
– आंगन में लगाई कक्षा:
शिक्षकों ने ग्राम्य विस्तारों में विद्यार्थियों को एकत्रित कर कक्षा लेना शुरू किया है। कच्चे और मिट्टी के घरों के आंगन में विद्यार्थियों को शिक्षक पढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं।
सूरत जिला प्राथमिक शिक्षा संघ प्रमुख किरीट पटेल का कहना है कि कोरोना संक्रमण के कारण स्कूल कब शुरू हो पाएंगे, यह निश्चित नहीं हो पा रहा है। ऐसे मैं ग्रामीण इलाकों में बच्चे कब तक यूं ही बैठे रहेंगे। इसलिए विद्यार्थियों का भविष्य ना बिगड़े तो उन्हें घर जाकर पढ़ाया जा रहा है।
विद्यार्थी नहीं भूले मास्क :
आज भी कई लोग बिना मास्क के नजर आ जाते है, लेकिन गांवों में विद्यार्थी मास्क कक्षा में बैठे दिखाई दे रहे हैं। इसके साथ ही शिक्षक उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बैठा रहे हैं। पढ़ाई के साथ-साथ कोरोना से बचने के लिए जागरूक भी कर रहे हैं। यह भी एक पाठ्यक्रम की तरह शामिल हो गया है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो