अधिकांश रेलें बंद होने से औद्योगिक इकाइयों में काम करने वाले श्रमिक और मजदूरों में निराशा है, वहीं पर्यटन प्रेमियों में भी मायुसी छाई हुई है। हर वर्ष गर्मियों की छुट्टियों के चार माह पहले लोग ट्रेनों में अग्रिम आरक्षण करवा लेते थे। मई से जुलाई तक बिहार, उत्तरप्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, पंजाब, जम्मू सहित देशभर की लम्बी दूरियों की गाडिय़ों में पैर रखने को जगह नहीं मिलती थी। इन दिनों ट्रेनों में नो-रूम की स्थिति रहती थी, लेकिन इस बार कोरोना ने लोगों की मंशा पर पानी फेर दिया है।
पर्यटक स्थल बंद
जिले के सभी पर्यटन स्थल सूने पड़े हैं। मई-जून में अथाल नक्षत्र गार्डन, दादरा वनगंगा, दपाड़ा सतमालिया, वासोणा लॉयन सफारी, दुधनी जेटी, कौंचा हेल्थ गार्डन, खानवेल बट्टर फलाई, मधुबन डेम, अथाल स्वामीनारायण मंदिर, बिन्द्राबीन रामेश्वर में पर्यटकों की भीड़ रहती थी, जहां इन दिनों सन्नाटा पसरा हुआ है।