जिले में रोजाना करीब ढाई हजार सैंपल की जांच हो रही है, जिसमें संक्रमण की दर एक प्रतिशत से भी कम है। इससे इस बात को बल मिल रहा है कि संक्रमित होने के लिए कुछ ही लोग बचे हैं, बाकी सब संक्रमित हो चुके हैं। जिस तेजी से संक्रमण ऊपर गया, उसी तेजी से नीचे भी आया है।
एक्सपर्ट का कहना है कि दूसरी लहर में दानह में कोई ऐसा मोहल्ला या बस्ती नहीं बची, जहां पर कोई संक्रमित नहीं हुआ हो। 15 अप्रैल से 15 मई तक वायरस ने जमकर आतंक मचाया। मई के बीतते-बीतते कोविड का दम टूटने लगा और लोग तेजी से रिकवर हुए। जब वायरस को फैलने के लिए नए संक्रमित लोग मिलना बंद हो गए, तब तेजी से संक्रमण की रफ्तार में गिरावट आई। कोरोना संक्रमित होने के बाद लोगों के शरीर में वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी डवलप हो गई है। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि जिले में वैक्सीन लेने वालों की ज्यादा तादाद है, जिससे भी वायरस की चेन ब्रेक होने में सफलता मिल रही है।
तीसरी लहर का खतरा
स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि कोविड के केस जरूर कम हो गए हंै, लेकिन कोरोना का खतरा टला नहीं है। विश्वभर में कोरोना का नया वेरिएंट डेल्टा प्लस सामने आ रहा है, जो व्यक्ति को तेजी से चपेट में लेता है। कई लोग वैक्सीन में चॉइस ढूंढ़ रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि अगले माह कुछ अन्य वैक्सीन बाजार में उपलब्ध हो जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि इस समय वैक्सीन में चॉइस ढूंढऩे की बजाए खुद को वैक्सीनेट करवाना ज्यादा उचित है। जो वैक्सीन बाजार या अस्पताल मेंउपलब्ध है, उसी से खुद को वैक्सीनेट करवाना चाहिए।
स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि कोविड के केस जरूर कम हो गए हंै, लेकिन कोरोना का खतरा टला नहीं है। विश्वभर में कोरोना का नया वेरिएंट डेल्टा प्लस सामने आ रहा है, जो व्यक्ति को तेजी से चपेट में लेता है। कई लोग वैक्सीन में चॉइस ढूंढ़ रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि अगले माह कुछ अन्य वैक्सीन बाजार में उपलब्ध हो जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि इस समय वैक्सीन में चॉइस ढूंढऩे की बजाए खुद को वैक्सीनेट करवाना ज्यादा उचित है। जो वैक्सीन बाजार या अस्पताल मेंउपलब्ध है, उसी से खुद को वैक्सीनेट करवाना चाहिए।