सूरत

कोरोना का कहर : मृतकों के दाह संस्कार के लिए हो रही हैं व्यवस्था

– सूरत में पाल और लिम्बायत में श्मशान खोले, बंद पड़ी भट्टियों की मरम्मतCremation opened in Pal and Limbayat in Surat, repair of closed furnaces

सूरतApr 13, 2021 / 12:18 pm

Dinesh M Trivedi

कोरोना का कहर : मृतकों के दाह संस्कार के लिए हो रही हैं व्यवस्था

सूरत. कोरोना के कहर के बीच शहर के श्मशानों में मृतकों की कतारों और दाह संस्कार के लिए घंटों की वैटिंग से परेशान लोगों के लिए राहत की खबर की है। प्रशासन ने सामाजिक संगठनों के साथ मिल कर पाल-अडाजण में बंद पड़े कैलाश मोक्षधाम श्मशान व हाल ही में लिम्बायत क्षेत्र में बने श्मशान को खोला गया है। बंद पड़ी भट्टियों की मरम्मत कर श्मशान घाटों पर कर्मचारियों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है।
जानकारी के अनुसार शहर के पिछले कुछ दिनों से शहर के अश्वनी कुमार, उमरा, कृरुक्षेत्र श्मशान गृहों में लगातार अंत्येष्टी के लिए शवों की कतारे लग रही थी। दाह संस्कार के लिए घंटो वैटिंग चल रही थी। टोकन लेकर मरीजों को इंतजार करना पड़ा रहा था।
उसमें भी जल्दी दाह संस्कार करवाने के लिए रिश्वत लेने के आरोप भी लगाए जा रहे थे। इन हालातों के बाद प्रशसान हरकत में आया। मनपा द्वारा अश्वनी कुमार श्मशान गृह में बंद पड़ी तीन भट्टियों की मरम्मत करवाई जा रही है। इन तीन भट्टियों पर दाह संस्कार करवाने के लिए कर्मचारियों को भी नियुक्त किया गया है।
वहीं पाल-अडाजण में बंद हो चुके कैलाश मुक्ति धाम को फिर से खोला गया है। वहां बड़े मैदान में सिर्फ कोरोना के मृतकों के दाह संस्कार की व्यवस्था की जा रही है। यहां एक साथ दो दर्जन से अधिक शवों की अंत्येष्टी की जा सकेगी। टेंट आदि लगा कर फौरी तौर पर रजिस्ट्रेशन व लकडिय़ां आदी रखने के इंतजाम किए जा रहे है।
वहीं लिम्बायत के गोविंद नगर में हाल ही में बनाए गए नए श्मशान घाट को शनिवार से ही दाह संस्कार के लिए शुरू कर दिया गया है। यहां छह विद्युत भट्टियां लगाई हुई है जो कार्यरत है।

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