मनपा में वर्ग दो, तीन और चार कर्मचारियों में तीन सौ से अधिक लोगों के संक्रमण की चपेट में आने के बाद मनपा कर्मचारियों के लिए नौकरी पहले ही मुश्किल हो चुकी है। इस बीच संक्रमित कर्मचारियों को जिन्हें होम क्वारन्टाइन किया गया है, तबीयत बिगडऩे पर इलाज की सुविधा उतनी सहज नहीं थी। निजी अस्पतालों में जाते ही पहले डिपॉजिट जमा कराने की बात सामने आती है। कोरोना संक्रमण से करीब दस जनों की मौत के बाद सूरत सुधराई संघ ने बीते सप्ताह मनपा आयुक्त के समक्ष अपना पक्ष रखा था। संघ के प्रमुख मोहम्मद इकबाल शेख ने कहा था कि होम क्वारन्टाइन किए गए संक्रमित कर्मचारियों की तबीयत बिगडऩे पर इलाज में मुश्किल पेश आ रही है। मनपा प्रशासन ने शहर में करीब 45 अस्पतालों के साथ कोरोना के इलाज के लिए एमओयू किया है। मनपा के ऐसे कर्मचारियों को इन अस्पतालों में सीधे इलाज की सुविधा मिलनी चाहिए। आयुक्त बंछानिधि पाणि भी इससे सैद्धांतिक रूप से सहमत थे, लेकिन इस आशय का नोटिफिकेशन जारी नहीं होने के कारण गतिरोध बना हुआ था।
इस मामले को लेकर शेख के नेतृत्व में संघ का एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को मुगलीसरा मनपा मुख्यायल में धरने पर बैठा था। जिसके बाद अधिकारियों ने आयुक्त से बात कर धरने पर बैठे लोगों को बताया कि नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा। बुधवार को मनपा ने इस आशय का नोटिफिेकेशन जारी कर दिया। इसके बाद अब कोई भी मनपा कर्मचारी जिसे संक्रमण हुआ है, तबीयत बिगडऩे पर मनपा के पैनल पर किसी भी निजी अस्पताल में सीधे जाकर इलाज करा सकता है। शेख ने बताया कि इसके लिए पीडि़त कर्मचारी को संक्रमण की रिपोर्ट, अपना पहचान पत्र और मेडिकल डायरी की फोटोकॉपी लेकर जानी होगी।