जिले में मई के बाद जून में कोरोना का ग्राफ धड़ाम से गिरा है। कोविड-19 सेंटर में संक्रमितों की संख्या एक दर्जन के इर्द-गिर्द रह गई हैै। ऐसे में लोग कोरोना से बेखौफ हो गए हैं। अब स्थिति ऐसी नजर आ रही है कि लोग कोरोना वायरस के खतरे को भूल चुके हैं। लोगों ने राहत का मतलब गलत समझ लिया है। जब पाबंदिया लगी थी, तब तक ज्यादातर लोग पूरी सावधानी बरत रहे थे, लेकिन जैसे ही बंदिशों में छूट मिलने लगी, सब कुछ नॉर्मल मान लिया है। बाजार, सड़क जहां भी नजर डाले पहले की तरह भीड़भाड़ नजर आती है। कई लोग तो मास्क पहनना भी बंद कर दिए हैं या मास्क को चेहरे पर लटका कर रखते हैं। बहुत सारे लोगों के मास्क पहनने के बाद मुंह और नाक खुले दिखाई देते हैं। यह हालत तब है जब डॉक्टरों ने मास्क को संक्रमण से बचाव का सबसे कारगर तरीका बताया है। डॉक्टरों के अनुसार अभी सावधानी की जरूरत ज्यादा है। वैक्सीन लेने के बाद भी कोविड का खतरा बरकरार है। डॉक्टरों का कहना है कि बहुत सारे लोग ऐसे हैं जिनमें कोरोना के कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं, लेकिन वो संक्रमण फैलाते रहते हैं। चालू माह में उद्योग, परिवहन, धर्मस्थल, पर्यटन आदि सब कुछ खुल गए हैं, जिससे लगता है कि लोग कोरोना से लड़ नहीें रहे हैं। इस जानलेवा बीमारी को चुनौती देने के लिए बेवजह लोग घरों से बाहर निकल रहे हैं।