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दूसरी लहर में 16,379 टेस्टिंग कर 285 सुपर स्प्रेडर्स की पहचान कर कोरोना को रोका

locationसूरतPublished: Jun 16, 2021 10:06:22 pm

Submitted by:

Sanjeev Kumar Singh

– स्वास्थ्य विभाग ने मार्च और अप्रेल में अलग-अलग क्षेत्रों में रोज़मर्रा का काम करने वालों को पहचानने के लिये चलाया था अभियान

दूसरी लहर में 16,379 टेस्टिंग कर 285 सुपर स्प्रेडर्स की पहचान कर कोरोना को रोका

दूसरी लहर में 16,379 टेस्टिंग कर 285 सुपर स्प्रेडर्स की पहचान कर कोरोना को रोका

संजीव सिंह/सूरत.

शहर में दूसरी लहर में कोरोना संक्रमण की बेकाबू रफ्तार को काबू में करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने सुपर स्प्रेडरों का टेस्टिंग अभियान चलाया था। दूसरी लहर में युवाओं को सुपर स्प्रेडर के रूप में देखा जा रहा था। संक्रमण की रफ्तार बढऩे पर स्कूलों में जांच अभियान शुरू किया गया। मार्च और अप्रेल में एक हजार से अधिक विद्यार्थी संक्रमित हुए। इस दौरान महानगरपालिका ने अलग-अलग क्षेत्रों में आम जनता से सबसे अधिक सम्पर्क में आने वाले 16,379 सुपर स्प्रेडरों की जांच की थी। इसमें 285 सुपर स्प्रेडर पॉजिटिव मिले थे।
सूरत समेत देश में 16 जनवरी से टीकाकरण अभियान शुरू हो गया है, लेकिन संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या में उतार-चढ़ाव अब भी देखने को मिल रहा है। संक्रमित मामलों की बढ़ती संख्या का प्रमुख कारण सुपर स्प्रेडर्स भी होते हैं। यह दूसरों की तुलना में तेजी से वायरस फैलाते हैं। इस बीमारी के लक्षण हर किसी के लिए अलग-अलग हो सकते हैं और ये लक्षण किसी में दिखते हैं और किसी में नहीं, ऐसे में कुछ लोग वायरस को दूसरों में भी फैला सकते हैं। संभवत: ऐसे लोग महामारी को फैलाने में आग में पेट्रोल डालने जैसा कार्य करते है। खुद के संक्रमित होने की बात से अनजान ऐसे लोग तेजी से संक्रमण फैलाते हैं।
मनपा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सूरत में मनपा ने अठवा, रांदेर, कतारगाम, सेंट्रल, वराछा-ए, वराछा-बी, उधना और लिम्बायत क्षेत्र में चाय की लारी, फल-सब्जी विक्रेता, आटा चक्की, सैलून, मोबाइल रिपेरिंग, ऑटो ड्राइवर समेत अलग-अलग वर्ग के लोगों की जांच की थी। यह ऐसे लोग थे जिनके पास रोजाना सैकड़ों लोग किसी न किसी काम से जाते हैं। स्वास्थ्य विभाग ने अप्रेल में 16,379 लोगों की टेस्टिंग की थी। इसमें 285 सुपर स्प्रेडर्स कोरोना संक्रमित मिले थे। जिनका होम आइसोलेशन में इलाज किया, जिससे संक्रमण फैलने से रोकने में मदद मिली।
कौन होते हैं सुपर स्प्रेडर

18 से 45 वर्ष के लोग सबसे ज्यादा एक्टिव होते है। भीड़भाड़ वाले इलाकों में जब कोई संक्रमित व्यक्ति बड़ी संख्या में लोगों को संक्रमण की चपेट में लेता है तो वह सुपर स्प्रेडर कहलाता है। यह ऐसे व्यक्ति होते है जिनमें संक्रमण के बावजूद लक्षण नजर नहीं आता है या फिर संक्रमण के कई दिनों बाद लक्षण दिखाई देते है। ऐसे में संक्रमित होने के बावजूद यह लोग इससे अनजान रहते हैं। वे रोजाना बहुत से लोगों के संपर्क में आते हैं। जैसे सब्जी बेचने वाले, किराणा या दूध वाले, पेट्रोल पंप अटेंडेट और सफाई कर्मचारी समेत अन्य लोग हो सकते हैं।
कितने कौन मिले स्प्रेडर

कोरोना रोकथाम के लिए मार्च से ही अलग-अलग क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों की टेस्टिंग शुरू की। इसमें मोबाइल दुकान वाले 13, नास्ते की लारी वाले 15, फुटवेयर और कपड़ा दुकान में 22, कुरियर और फूड डिलिवरी बॉय 21, डेरी पार्लर और मेडिकल स्टोर में 17, स्ट्रीट फुड वेंडर और होटल कर्मचारी 30, ऑटो ड्राइवर 30, किराणा व्यापारी, चाय विक्रेता 22, सब्जी और फल विक्रेता 27 सुपर स्प्रेडर्स कोरोना पॉजिटिव मिले थे। हालांकि अप्रेल में संक्रमण सबसे अधिक बढऩे के बाद जांच अभियान बीच में बंद कर दिया गया था।
हजार से अधिक विद्यार्थी संक्रमित

दूसरी लहर में स्कूलों और कॉलेज में पढऩे वाले विद्यार्थी बड़ी संख्या में संक्रमित मिले थे। युवा ज्यादातर एसिम्प्टोमेटिक होते हैं। इनमें लक्षण दिखते ही नहीं है। स्वास्थ्य विभाग ने स्कूलों में टेस्टिंग अभियान शुरू किया। इसमें पहले दिन 27, दूसरे दिन 24, तीसरे दिन 39, चौथे दिन 37 छात्र पॉजिटिव मिले थे। अप्रेल में संक्रमण बढऩे पर स्कूल-ट्यूशन क्लासिस बंद कर दिए गए। लेकिन विद्यार्थियों में संक्रमण घटने में एक माह से अधिक का समय लगा। मार्च और अप्रेल में एक हजार से अधिक विद्यार्थी संक्रमित मिले ।

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