पुलिस उससे उन सभी के बारे में जानकारी जुटा रही है। इसके अलावा उससे सूरत में कौशल के अन्य संपर्को के बारे में पूछताछ कर रही है। वहीं मोरबी पुलिस द्वारा मास्टर माइंड कौशल व उसके साथी पुनित शाह से की गई पूछताछ में पता चला हैं कि उन्होंने सूरत के अलावा रेमडेसिवीर इंजेक्शन की खेप अहमदाबाद, वडोदरा, मेहसाणा, आणंद, सुरेन्द्रनगर व पालनपुर में भी बेची थी। इस जानकारी के बाद इन शहरों की पुलिस भी जांच में जुट गई है।
कौशल के नेटवर्क को भेदने में जुट गई है। यहां उल्लेखनीय है कि मोरबी में मरीज को लगाए गए रेमडेसिवीर इंजेक्शन का असर नहीं होने पर डॉक्टर को संदेह हुआ। इंजेक्शन नकली होने की पुष्टी होने पर मोरबी पुलिस ने जांच शुरू की और इंजेक्शन बेचने वाले दो जनों को हजारों नकली इंजेक्शन की खेप के साथ गिरफ्तार कर किया।
उनके अहमदाबाद के संपर्को पर कार्रवाई कर वहां से बड़ी खेप बरामद की और सूरत के निकट पिंजरत गांव के फॉर्म हाउस में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के कारखाने पर छापा मारा। नमक व ग्लूकोज मिला कर बनाए जा रहे नकली इंजेक्शन की खेप व उन्हें तैयार करने की साधना सामग्री जब्त कर मास्टर माइंड सूरत के कौशल व उसके साथी पुनित को गिरफ्तार किया। अमरोली पुलिस के साथ कार्रवाई में जुटी क्राइम ब्रांच ने भी कौशल के स्थानीय एजेन्ट जयदेव को पकड़ा था।
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आठ रेमडेसिवीर इंजेक्शन के साथ निजी अस्पतालों के तीन कर्मचारी गिरफ्तार सूरत. खटोदरा पुलिस ने कोरोना मरीजों उपचार के लिए आवश्यक आठ रेमडेसिवीर इंजेक्शन बरामद कर कालाबाजारी करने के आरोप में निजी अस्पतालों के तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक भेस्तान चार रस्ता स्थित साईंदीप अस्पताल के एडमिनिस्ट्रेटर सैयद अजमत प्रतिबंध होने के बावजूद रेमडेसिविर इंजेक्शन अपने पास रख कर उनकी कालाबाजारी कर रहा था।
वह अपने अस्पताल में आने वाले कोरोना मरीजों के नाम पर न्यू सिविल अस्पताल के सरकारी कोटो से इंजेक्शन मंगवाता था। जिस पर एक या दो की जरूरत होती थी, उनके लिए भी अधिकतम छह इंजेक्शन मंगवा लेता था और शेष अपने पास रख लेता था। फिर अपने अस्पताल के कर्मचारी मगदल्ला न्यू भाविदर्शन सोसायटी निवासी सुभाष यादव व संजीवनी अस्पताल के एम्बुलेंस ड्राइवर मगदल्ला सुमनधारा निवासी विशाल उंगले के मार्फत मरीजों के परिजनों को कई गुना अधिक कीमत पर बेचता था।
उनके बारे में मुखबिर से पुख्ता सूचना मिलने पर खटोदरा पुलिस थाने के उप निरीक्षक अश्विन कुवाडिय़ा ने सिटीलाइट अणुव्रत द्वार के निकट से उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उनके कब्जे से पुलिस को आठ रेमडेसिवीर इंजेक्शन, तीन मोबाइल फोन व 6 हजार 470 रुपए नकद बरामद हुए। तीनों ने मिलकर अब तक कितने इंजेक्शन बेचे इस बारे में उनसे पूछताछ की जा रही है।