scriptबालाजी चारसंप्रदाय मंदिर के मंहत समेत तीन के खिलाफ फौजदारी दर्ज | Criminals filed against 3 including the Mahant of Balaji Charsampradya | Patrika News

बालाजी चारसंप्रदाय मंदिर के मंहत समेत तीन के खिलाफ फौजदारी दर्ज

locationसूरतPublished: Jul 11, 2021 11:48:36 am

Submitted by:

Dinesh M Trivedi

 
– ट्रस्टियों ने लगाया मंदिर ट्रस्ट के 200 करोड़ की संपति हथियाने का आरोप

बालाजी चारसंप्रदाय मंदिर के मंहत समेत तीन के खिलाफ फौजदारी दर्ज

बालाजी चारसंप्रदाय मंदिर के मंहत समेत तीन के खिलाफ फौजदारी दर्ज

सूरत. गलेमंडी स्थित बालाजी चार संप्रदाय मंदिर के मंहत समेत तीन जनों के खिलाफ अन्य ट्रस्टियों ने फर्जी दस्तावेज के जरिए मंदिर ट्रस्ट की 200 करोड़ की संपति हथियाने और उनके खिलाफ दुष्प्रचार करने का आरोप लगाते हुए महिधरपुरा पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई हैं। इस मामले में की जांच सहायक पुलिस आयुक्त सी डीवीजन बीएम वसावा को सौंपी गई हैं।
जानकारी के अनुसार 80 वर्ष पुराने मंदिर ट्रस्ट की करीब जमीन करीब दो सौ करोड़ रुपए की संपति को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था। इस बीच मुख्य ट्रस्टी हसमुख बालू पटेल ने मंदिर के महाराज दीपांशु मिश्रा, परमेश्वरदास गुरु जगन्नाथदास व युवराज बडरजात्या के खिलाफ महिधरपुरा पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई हैं।
जिसमें आरोप लगाया हैं कि मंहत परमेश्वरदास ने ट्रस्ट से इस्तीफा दे दिया और अवैध रूप से दीपांशु को पावर ऑफ अटॉर्नी दे दी, इसी के आधार पर दीपांशु वहीं के मंदिर में मंहत के तौर पर रहना शुरू कर दिया। अवैध रूप से खुद मंदिर ट्रस्ट के संपतियों का संचालन शुरू कर दिया। ट्रस्ट की संपति के किराएदारों से किराया व अन्य रुपए लेना भी शुरू कर दिया।
दिपांशु महाराज ने साधु समाज, पुलिस व प्रशासन में खुद को पूर्व आईपीएस अधिकारी बता कर प्रभाव जमाया और उन्हें बताया कि सन्यास के लिए उन्होंने पद से इस्तिफा दे दिया था। खुद को साधु बताने के बावजूद वह मंदिर ट्रस्ट के रुपयों से हवाई यात्राएं करते हैं तथा मंहगा मोबाइल फोन भी रखते हैं। ट्रस्टियों को बदमान करने के लिए साजिश के तहत माफिया जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर मैसेज वायरल किए।
अफवाहें फैलाई की ट्रस्टी संपति हथिया कर एक हजार करोड़ रुपए का पन्द्रह मंजिला अस्पताल बनाना चाहते हैं। ट्रस्ट की संपति के फर्जी दस्तावेज बनाए और ट्रस्टियों के खिलाफ पूर्व झूठे मामले भी दर्ज करवाए। ट्रस्टियों को ट्रस्ट छोडऩे व उनके द्वारा की गई शिकायतें वापस लेने के लिए रुपए का प्रलोभन भी दिया। यहां उल्लेखनीय हैं कि मंदिर ट्रस्ट की संपति के प्रबंधन के अधिकार को लेकर लंबे समय से मंहत व अन्य ट्रस्टियों के बीच विवाद चल रहा हैैं। इसको लेकर पहले भी दोनों पक्षों की ओर से एक दूसरे खिलाफ कई शिकायतें की गई हैं।
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