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सूरत

करोड़ों खर्च की योजना, जल संग्रहण पर फोकस गायब

डोली तालाब का 4.35 करोड़ से होगा सौंदर्यीकरण

सूरतMar 07, 2018 / 10:10 pm

विनीत शर्मा

patrika
धवल पारेख

नवसारी. विजलपोर नगर पालिका प्रशासन करोड़ों रुपए खर्च कर शहर के सबसे बड़े डोली तालाब का सौंदर्यीकरण करने जा रहा है। अधिकारियों ने यह तो तय कर लिया कि इसे खूबसूरत बनाने के लिए 4.35 करोड़ खर्च होंगे, लेकिन तालाब में जल संग्रहण के लिए मास्टर प्लान पर काम नहीं हुआ है। ऐसे में इस खर्च पर भविष्य में सवाल उठने तय हैं।
डोली तालाब शहर का सबसे बड़ा तालाब है। तालाबों को खूबसूरत बनाने के क्रम में पालिका प्रशासन इस पर 4.35 करोड़ रुपए खर्च करने जा रहा है। करोड़ों रुपए खर्च कर इसे किस तरह सुंदर बनाया जाए इस पर तो पूरी मशक्कत की गई, लेकिन तालाब के रूप को निखारने के बाद इसे पानी से लबालब कैसे किया जाए, इसे लेकर कोई प्लानिंग नहीं की गई है। पालिका प्रशासन पूर्व में भी कई अन्य तालाबों का सौंदर्यीकरण कर चुकी है, जिनमें जल संकट गहराया हुआ है।
एक ही तालाब पर फोकस

पालिका प्रशासन की जद में शहर के पांच तालाब हैं। बारिश के दौरान कोई भी तालाब पूरी तरह नहीं भर पाता। ऐसे में पालिका टीम का फोकस भी चंदन तालाब पर ही रहता है। उस तालाब में सालभर की जरूरत के हिसाब से पानी संचय पर फोकस किया जाता है। लाखों खर्च के बावजूद इन तालाबों में बच्चों की धमाचौकड़ी रहती है।
यह है बड़ी वजह

नगर पालिका के अस्तित्व में आने के कई साल बाद भी टाउन प्लानिंग स्कीम पर फोकस नहीं किया गया है। जिस कारण शहरभर में मनमाने ढंग से निर्माण हो रहे हैं। इसका परिणाम यह हुआ कि बरसाती नाले भी अपना अस्तित्व खो चुके हैं। पहले यह नाले तालाबों में गिरते थे तो बारिश का पानी संचय होता था।
यह हुआ खर्च

नगर पालिका प्रशासन डोली तालाब से पहले शहर के अन्य चार तालाबों गांव तालाब, बाबा इशीत तालाब, अयोध्या नगर के काली तालाब और चंदन तालाब के सौंदर्यीकरण पर लाखों रुपए खर्च कर चुका है। इनमें गांव तालाब पर 87 लाख, मारुति नगर के पास बाबा इशीत तालाब पर 82 लाख, अयोध्या नगर के काली तालाब पर 36 लाख और चंदन तालाब पर 28 लाख रुपए खर्च किए गए हैं। इसके बाद भी तालाब सूखे रहते हैं, जिसमें आसपास के बच्चे खेलते हैं।
बिन पानी सब सून

इन तालाबों के सौंदर्यीकरण के बाद डोली तालाब शहर के कचरा डंपिंग की साइट बन गया था। पालिका प्रशासन ने इसके सौंदर्यीकरण के लिए ४.३५ करोड़ रुपए का वर्कप्लान तैयार किया है। इस प्लान में भी तालाब को पानी से भरने की कोई योजना नहीं है। लोगों को भी समझ नहीं आ रहा कि पानी के बगैर तालाब का सौंदर्यीकरण कैसे संभव है।
नहर के पानी से भरेंगे तालाब

नहर का पानी लाकर गांव तालाब को भरा जाएगा। इसके अलावा शहर में बंद हो चुके बरसाती नालों को खुलवाकर अन्य तालाबों में पानी भरा जाएगा। इसमें समय लगेगा।
जगदीश मोदी, अध्यक्ष, विजलपोर नपा
भ्रष्ट शासन का उदाहरण

विजलपोर नपा भ्रष्ट शासन का उदाहरण है। तालाबों में पानी नहीं है और नपा उन्हें सुशोभित करने पर करोड़ों खर्च कर रही है। तालाबों के सौंदर्यीकरण से पहले नपा बताए कि इनमें पानी कहां से आएगा?
गंगाधर शुक्ला, नेता विपक्ष, नपा।
शहर में टीपी स्कीम नहीं

विजलपोर शहर में टीपी स्कीम नहीं है। इस कारण मनमाने ढंग से निर्माण हुआ और नाले गायब हो गए। जिससे बरसात का पानी तालाब में नहीं पहुंच पाता। पानी के लिए मफलताल मिल से बात चल रही है। तालाबों को भरने के लिए सत्तापक्ष से भी सलाह करेंगे।
रमेश जोशी, प्रभारी मुख्य अधिकारी, नपा
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