सूरत

घाटों पर श्रद्धालुओं का जमघट

खरना के बाद आज सायंकालीन पूजा

सूरतNov 12, 2018 / 07:06 pm

Dinesh Bhardwaj

घाटों पर श्रद्धालुओं का जमघट

सिलवासा. खरना की पूजा के बाद शाम से 36 घंटे का निर्जला उपवास छठ पूजा के व्रतियों ने सोमवार से शुरू कर दिया। वहीं, मंगलवार शाम षष्ठी पूजा में सूर्य को अघ्र्य के दौरान दमणगंगा नदी के विभिन्न घाट समेत अन्य स्थलों पर पुलिस बंदोबस्त किया गया है।
छठ पूजा के मद्देनजर पुलिस अधीक्षक शरद भास्कर दराड़े के आदेश से थानाधिकारी केबी महाजन एवं उनकी टीम ने दमणगंगा नदी के घाट पर पूजा वाले स्थलों का दौरा किया। शांतिपूर्ण पूजा-अर्चना के लिए पूजा स्थलों पर जवान तैनात किए गए है। छठ पूजा के दौरान भीड़भाड़ व सुरक्षा को ध्यान में रख शहर में होमगार्ड, कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल एवं निरीक्षकों की छुट्टी रद्द की गई है और अथाल, डोकमर्डी, पिपरिया, बाविसा फलिया में जवानों की ड्यूटी लगाई गई है। इसके अलावा दादरा, नरोली, मसाट, रखोली, कराड़, मधुबन, बिन्द्राबीन में विभिन्न घाटों पर पुलिस गश्त भी तेज की गई है। प्रदेश के शहर और गांवों में अधिकतर व्रतियों ने पूजा की तैयारी कर ली है। बाजार से व्रतियों ने सूप, टोकरी, फल, गन्ना आदि जरूरी पूजा-सामग्री की खरीदारी की। सोमवार को खरना के बाद शाम से व्रतियों ने 36 घंटे का उपवास शुरू कर दिया और दमणगंगा नदी के विभिन्न घाटों पर श्रद्धालुओं का जमघट लगने लगा है। उत्तर भारतीय संगठनों ने सूर्य पूजा के लिए घाटों पर साफ-सफाई, रोशनी, पेयजल, प्राथमिक उपचार एवं पूजन सामग्री की व्यवस्था की है। रात को पूजा स्थलों पर धार्मिक कार्यक्रम रखे है।
 

यह है पांच अहम वस्तुएं


सूर्य पूजा में बांस की बनी टोकरी, ठेकुआ, गन्ना, केलों का गुच्छा और नारियल को अहम माना गया है। व्रती पूजन सामग्री बांस की टोकरी में भरकर घाट पर जाते हैं और एक-एक प्रसाद का अस्ताचल में परिगमन करते सूर्यदेव को अघ्र्य देते हैं। पंडितों के अनुसार इस बार छठ पर्व के साथ अच्छे संयोग बन रहे हैं। मंगलवार सायंकालीन अघ्र्य के समय सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत योग का संयोग है, और बुधवार प्रात:कालीन अघ्र्य के दौरान छत्र योग बन रहा है।

इन्होंने की खास व्यवस्था


बिहार जनसेवा संघ ने डोकमर्डी खाड़ी पर 5 हजार से अधिक श्रद्धालुओं के लिए पूजा-अर्चना की व्यवस्था की है। घाट पर पेयजल, रोशनी एवं प्राथमिक पेटी रखी गई है। मंगलवार दोपहर बाद व्रती घाट पर एकत्र होंगे। वहीं, अथाल में दमणगंगा किनारे ऑल इंडिया पिपल्स एसोसिएशन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा एवं पूजा-अर्चना के लिए विशेष प्रबंंध किए हैं। यहां छठी मैया की पूजा के लिए 10 हजार से अधिक श्रद्धालु जुटेंगे और अथाल ब्रिज पर दूर-दूर तक श्रद्धालु दिखाई देंगे। बाविसा फलिया व पिपरिया में षष्ठी मैया की पूजा के लिए आयोजकों ने रोशनी, पूजन सामग्री व सुरक्षा के इंतजाम किए हैं। मसाट में नहर किनारे सूर्य पूजा होगी।
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